- 227 अतिक्रमण में से 155 ध्वस्त, बाकी आज किए जाएंगे ध्वस्त

- विरोध होने पर पुलिस ने भांजी लाठियां, प्रशासन के आगे किसी की नहीं चली

देहरादून, पिछले तीन महीनों की ना-नुकुर, विरोध प्रदर्शन, राजनीतिक दखलंदाजी और आश्वासनों के बाद आखिरकार शुक्रवार को प्रेमनगर मार्केट में अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए एक साथ 10 जेसीबी मशीनें गरजीं। करीब 11 घंटे के एक्शन में अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स ने 155 अवैध निर्माण ध्वस्त किए। इस दौरान विरोध करने वालों पर पुलिस ने लाठियां भांजी और उन्हें मौके से खदेड़ा।

सुबह 8 बजे से शुरु हुई कार्रवाई

हाई कोर्ट के निर्देश पर बीती 27 जून से दून में अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी है। प्रेमनगर मार्केट में भी जुलाई में अतिक्रमण चिन्हीकरण का काम पूरा हुआ था। टास्क फोर्स ने एक बार मार्केट से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करने की कोशिश भी की, लेकिन व्यापारियों के विरोध और विधायकों के समर्थन के कारण कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। आखिर में प्रशासन की टीम ने गुरुवार को व्यापारियों को आखिरी चेतावनी देते हुए अतिक्रमण हटाने का ऐलान किया। शुक्रवार को तमाम लाव लश्कर के साथ प्रशासन की टीम मय फोर्स प्रेमनगर पहुंची और अतिक्रमण ढहाना शुरू कर दिया।

जेसीबी पर उछाला पत्थर, पुलिस ने भांजी लाठियां

सुबह जैसे ही प्रेमनगर में बॉटल नेक पर मौजूद 16 दुकानें टूटीं और 17वीं दुकान का नंबर आया तो अचानक व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया। इसी दौरान किसी ने अतिक्रमण ढहा रहे जेसीबी पर पत्थर उछाल दिया। पहले से तैयार पुलिस ने भीड़ पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इसके बाद व्यापारी मौके से तितर-बितर हुए।

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प्रेमनगर बाजार दिनभर रहा बंद

कार्रवाई के दौरान पूरा प्रेमनगर बाजार बंद रहा। प्रशासन की टीम ने प्रेमनगर बाजार में कच्चे भवनों से लेकर तीन-तीन मंजिला इमारतें ढहा दीं। बाजार में हर तरफ मलबा देखने को मिला।

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जब महिला एसडीएम पर बिफरीं

प्रेमनगर में अतिक्रमण हटाने के दौरान एक विधवा महिला एसडीएम सदर पर जमकर बिफरी। करीब एक मीटर अतिक्रमण चिन्हित होने के बाद जैसे ही जेसीबी महिला के घर तक पहुंची तो महिला सामने खड़ी हो गई। एसडीएम ने जेसीबी चलाने के निर्देश दिए तो विधवा महिला ने एसडीएम को खरीखोटी सुनाईं। हालांकि बाद में महिला को खुद अतिक्रमण तोड़ने पर सहमति दी गई।

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व्यापारियों ने मांगा मुआवजा

जिन व्यापारियों की दुकानें अतिक्रमण की जद में आने पर तोड़ी गई हैं, उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है। दून व्यापार मंडल ने मांग की कि व्यापारियों को मुआवजा देने के साथ ही विस्थापित किया जाए।

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समर्थन देने वाले नेता रहे नदारद

प्रेमनगर में शुरुआत में धरने पर बैठने वाले सत्ताधारी पार्टी के चार विधायक हरबंस कपूर, खजानदास, गणेश जोशी व उमेश काऊ शर्मा अतिक्रमण हटाने के दौरान नजर नहीं आए। जबकि कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार व उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी वहां नहीं पहुंचे।

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प्रेमनगर में हमारे व्यापारी भाइयों की दुकानें तोड़ना गलत है। व्यापारियों के साथ यह घोर अन्याय है। सीएम से अपील है कि जितने भी व्यापारी प्रभावित हुए हैं, उनके पुनर्विस्थापन के साथ मुआवजा दिया जाए।

सुनील मेसोन, मंत्री, दून उद्योग व्यापार मंडल।

दुकानों व घरों को मिलाकर कुल 227 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। इनमें अब कुछ ही शेष हैं। आज सुबह 10 बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी।

अरविंद पांडे, एडीएम प्रशासन।

घंटाघर, तिब्बती मार्केट टूटा तो व्यापारियों को विस्थापित किया गया था। प्रेमनगर के व्यापारियों का भी पुनर्विस्थापन करना चाहिए। प्रभावितों के सामने रोजी का संकट है।

भूषण भाटिया, प्रेमनगर व्यापार मंडल।

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