हर गली में हैं ऐसे चोर
बिजली का मिसयूज कर लोगों का सुख चैन छीनने वाले हर गली में मौजूद हैं, जो मुफ्त की बिजली तो जला ही रहे हैं साथ ही बिजली कटौती के बड़े जिम्मेदार भी है। अब सवाल यह उठता है कि जम्मेदार कैसे? वह ऐसे कि जब वह बिना परमिशन के बिजली का यूज करते हैं तो ऐसे में ओवरलोडिंग की प्रॉब्लम आ जाती है, जिससे लाइन ट्रिपिंग तो नॉर्मली होती ही रहती है, साथ ही कई बार ट्रांसफॉर्मर भी दग जाते हैं। ऐसे में गोरखपुराइट्स को परेशान ही होना पड़ता है.
बिजली विभाग को नहीं मिलते कटिया कनेक्शन
कटिया कनेक्शन ने गोरखपुराइट्स का जीना मुहाल कर दिया है। इन कटिया कनेक्शन लगाने वालों को बिजली विभाग रोकने में नाकाम रहा है। अब रोकेगा भी कैसे, जब उन्हें कटिया लगाने वाले मिलते ही नहीं। सिटी की तमाम गलियों, रोड और बाईपास पर सैकड़ों कटिया लगाने वाले मिल ही जाएंगे, लेकिन पिछले साल की बात करें तो बिजली विभाग की आंखों के सामने सिर्फ 3 कटिया कनेक्शन लगाने वाले ही आए। सबसे ज्यादा कटिया लगने वाले खंड में एक भी कटिया लगाने वाले नहीं मिले थे। यानी कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पूरे साल मे बिजली विभाग ने सिर्फ खानापूर्ति के सिवा कुछ भी नहीं किया, वहीं हाल इस बार भी है। वहीं इस मामले में बिजली विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि जब भी चेकिंग अभियान शुरू होता है तो कटिया लगाने वाले सूचना मिलते ही कटिया को उतार लेते हैं और देर रात के बाद दोबारा इसे लगा लेते हैं। इसकी वजह से कटिया लगाने वाले बिजली चोर पकड़ में नहीं आ पाते.
हर गली में हैं ऐसे चोर
बिजली का मिसयूज कर लोगों का सुख चैन छीनने वाले हर गली में मौजूद हैं, जो मुफ्त की बिजली तो जला ही रहे हैं साथ ही बिजली कटौती के बड़े जिम्मेदार भी है। अब सवाल यह उठता है कि जम्मेदार कैसे? वह ऐसे कि जब वह बिना परमिशन के बिजली का यूज करते हैं तो ऐसे में ओवरलोडिंग की प्रॉब्लम आ जाती है, जिससे लाइन ट्रिपिंग तो नॉर्मली होती ही रहती है, साथ ही कई बार ट्रांसफॉर्मर भी दग जाते हैं। ऐसे में गोरखपुराइट्स को परेशान ही होना पड़ता है.

बिजली विभाग को नहीं मिलते कटिया कनेक्शन
कटिया कनेक्शन ने गोरखपुराइट्स का जीना मुहाल कर दिया है। इन कटिया कनेक्शन लगाने वालों को बिजली विभाग रोकने में नाकाम रहा है। अब रोकेगा भी कैसे, जब उन्हें कटिया लगाने वाले मिलते ही नहीं। सिटी की तमाम गलियों, रोड और बाईपास पर सैकड़ों कटिया लगाने वाले मिल ही जाएंगे, लेकिन पिछले साल की बात करें तो बिजली विभाग की आंखों के सामने सिर्फ 3 कटिया कनेक्शन लगाने वाले ही आए। सबसे ज्यादा कटिया लगने वाले खंड में एक भी कटिया लगाने वाले नहीं मिले थे। यानी कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि पूरे साल मे बिजली विभाग ने सिर्फ खानापूर्ति के सिवा कुछ भी नहीं किया, वहीं हाल इस बार भी है। वहीं इस मामले में बिजली विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि जब भी चेकिंग अभियान शुरू होता है तो कटिया लगाने वाले सूचना मिलते ही कटिया को उतार लेते हैं और देर रात के बाद दोबारा इसे लगा लेते हैं। इसकी वजह से कटिया लगाने वाले बिजली चोर पकड़ में नहीं आ पाते.

Report by- syedsaim.rauf@inext.co.in