lucknow@inext.co.in

LUCKNOW : बीते दो महीने से चुनाव की वजह से ठप पड़ा सरकारी कामकाज अगले 15 दिन में जब फिर से शुरू होगा तो अफसरों के सामने पहली चुनौती सूबे में बड़ा निवेश कराने की होगी। चुनाव से पहले तीन महीने तक टलती रही यूपी इंवेस्टर्स समिट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को आयोजित करने के लिए अफसरों ने कमर कस ली है। पहले यह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी कानपुर में आयोजित होनी थी जिसमें अब बदलाव हो सकता है। करीब 60 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के आगाज वाली इस सेरेमनी में देश के प्रमुख व्यापारिक घरानों की मौजूदगी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की वजह से चुनाव की आदर्श आचार संहिता हटते ही इस पर अमल करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी।

रोड की बदलेगी सूरत

इसके अलावा राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता सूबे में सड़कों का जाल दुरुस्त करना होगा। लखनऊ से गाजीपुर तक बनने वाले 353 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और झांसी से इटावा तक बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को भी हकीकत में तब्दील करने के लिए तेजी से काम किया जाना है। ये दोनों एक्सप्रेस वे मध्य यूपी, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के तमाम इलाकों की सूरत बदल देंगे। इसके साथ ही प्रयागराज लिंक एक्सप्रेस वे को भी अमली जामा पहनाया जाना है जिससे लखनऊ से प्रयागराज की दूरी घट जाएगी और लोगों का सफर और सुहाना होगा। राज्य सरकार कई जिलों को फोर लेन से जोडऩे के लिए वल्र्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से तमाम नई योजनाएं लाने की तैयारी में भी है।

डिफेंस कॉरीडोर से मिलेगा नया मुकाम

इसी तरह बुंदेलखंड में बनने वाले डिफेंस कॉरीडोर से भी राज्य सरकार को खासी उम्मीदें है। राज्य सरकार की कोशिश वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले डिफेंस कॉरीडोर को अस्तित्व में लाने की है ताकि बुंदेलखंड में त्वरित विकास के साथ स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिल सके। इस कॉरीडोर के जरिए बुंदेलखंड में सेना के उपयोग की वस्तुएं तैयार की जानी है जिसमें देश-विदेश की कई कंपनियां अपनी रुचि दर्शा चुकी है। करीब 40 कंपनियों द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने के प्रस्ताव केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के पास आए हैं जिनको चुनाव के बाद अमली जामा पहनाया जाना है।

लखनऊ को मिलेगी नई रिंग रोड

चुनाव के बाद लखनऊ को भी कई सौगातें मिलनी हैं जिनमें रिंग रोड सबसे अहम है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस ड्रीम प्रोजक्ट पर तेजी से काम भी चल रहा है हालांकि इसका अधिकांश हिस्सा बनना अभी बाकी है। इसके अलावा टेढ़ी पुलिया और ऐशबाग के लिए नये फ्लाईओवर की सौगात भी मिलनी है। वहीं राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद भी चुनाव के बाद तेजी से परवान चढ़ेगी।

अयोध्या की बदलेगी सूरत

योगी सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल अयोध्या में चुनाव के बाद कई बड़े बदलाव नजर आएंगे। सरयू तट पर भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा की स्थापना के साथ आसपास के इलाके का भी सौंदर्यीकरण किया जाना है। रामायण सर्किट के तहत इस इलाके में बड़े पैमाने पर विकास कार्य होने हैं जिससे सदियों पुराने इस शहर को नया कलेवर मिलेगा।

लोक भवन की नई इमारत तैयार

इसी तरह लखनऊ में बने लोकभवन का बी ब्लॉक भी पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है और चुनाव के बाद यहां सरकारी कार्यालयों का शिफ्ट होना शुरू हो जाएगा। इसके बाद लोकभवन में ज्यादातर विभागों के कार्यालय से सुचारू रूप से सरकारी कामकाज हो सकेगा और लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

पुलिसकर्मियों का मिलेगा आवास

चुनाव के बाद सूबे के पुलिसकर्मियों को नये आवास की सौगात देने की भी तैयारी है। राज्य सरकार ने अपने हालिया बजट में पुलिसकर्मियों के लिए टाइप-ए और टाइप-बी के आवासों के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। चुनाव संपन्न होते ही इन आवासों के निर्माण की कवायद शुरू कर दी जाएगी।

बुंदेलखंड की किस्मत बदलेगा डिफेंस कॉरीडोरUP Budget 2019 : प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और झांसी में भी मेट्रो रेलइन शहरों को मिलेगी मेट्रो

लखनऊ की तरह कानपुर, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज और झांसी में मेट्रो रेल चलाने की तैयारी है। इनमें से कई शहरों की मेट्रो की डीपीआर तैयार हो चुकी है जो चुनाव के बाद अनुमति के लिए भेजी जानी है। साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का काम भी शुरू होगा।

National News inextlive from India News Desk