अपराधी को अपने किए पर शर्मिन्दा होना चाहिए पर इस शहर में ऐसा होता नहीं है। गुनाहों के सौदागर अपने गुनाहों की ब्रांडिंग के जरिए ही अपना बाजार जिंदा रखते हैं। जब गुरुवार को कुख्यात अपराधी मोनू पहाड़ी को कचहरी ले जाया गया तो उसके चेहरे पर शिकन नहीं थी। उसे भरोसा था उस सिस्टम पर जो हर कदम पर अपराधी का ही साथ देता है। वो जानता था कि उसका फायदा अब खुद को लोगों की नजर में मासूम साबित करने में नहीं बल्कि खतरनाक दिखने में है।

कचहरी, दोपहर 12.40 बजे

शहर के कुख्यात मोस्ट वांटेड राशिद उर्फ मोनू पहाड़ी को गुरुवार को एसटीएफ और नौबस्ता पुलिस कचहरी लेकर पहुंची। पुलिस ने शताब्दी गेट पर जीप से मोनू को उतारा, तो मोस्ट वांटेड भीड़ में छिपे अपने गुर्गो को तलाशने लगा। पुलिस जब उसे शताब्दी गेट के अन्दर ले गई, तो शातिर मोनू के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी। वो समझ गया था कि अब वो सेफ है। उसकी चाल-ढाल और चेहरे का हावभाव अचानक बदल गया। उसको पहचानने के लिए मुवक्किलों और वकीलों की भीड़ जमा हो गई। मोनू यही चाहता था कि लोग उसे देखें, उसकी चर्चा करें। इसीलिए वो वही टी शर्ट और जींस भी पहने हुए था जिसमें उसकी फोटो अखबारों में छपी थी।

आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने इस दौरान उससे बात की।

'जेल में सेफ रहूंगा.'

पुलिस बमुश्किल चार से पांच मिनट में मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी को कोर्ट ले गई। उसका कठघरे से पुराना नाता है। जिस कठघरे में पहुंचते ही आरोपियों के पसीने छूटने लगते हैं, वहां खड़े होकर वो मुस्कुरा रहा था। वो पुलिस को देखकर बोल रहा था कि अब ये मेरा कुछ नहीं कर सकते। आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने उससे पूछा कि तुम्हें कोई खतरा तो नहीं है, तो उसने कहा कि अब मै सेफ हूं। हां, कोर्ट में पेशी के दौरान थोड़ा खतरा रहेगा, लेकिन मेरे साथी सब संभाल लेंगे। जेल में तो मुझे कोई दिक्कत ही नहीं है। वहां पर दुश्मनों की फौज है तो मेरे दोस्तों की कमी नहीं है वहां पर।

कोर्ट में पहले से मौजूद था मोस्ट वांटेड का वकील

जब पुलिस मोनू को लेकर कोर्ट पहुंची। वहां पर पहले से उसके वकील खड़े थे, वो भी सीनियर एडवोकेट शकील बुन्देला। उन्होंने कठघरे में बेफिक्र मोनू से बात की। उन्होंने मोनू के कान में कुछ बताया, तो मोनू ने भी सिर झुकाकर उसे मान लिया। फिर उसने भी वकील साहब को कुछ बताया, तो उन्होंने उसे डायरी में नोट कर लिया। इसके बाद वो कोर्ट में कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए चेम्बर चले गए।

'वो सिर्फ मुखबिर है, मै उसको मार दूंगा'

आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने दोबारा मोस्ट वांटेड मोनू से बात की। उसने कहा कि उसका दुश्मन टायसन तो सिर्फ मुखबिर है। वो कई बदमाशों का एकाउंटर करवा चुका है। अब वो मेरा एकाउंटर कराना चाहता है। इसलिए मैं उसको मार दूंगा। वो सिर्फ उतने दिन ही जिंदा है, जितने दिन मैं जेल में हूं।

वकील की ड्रेस में मौजूद थे मोनू के गुर्गे

एसटीएफ और पुलिस की मौजूदगी में भी राशिद उर्फ मोनू पहाड़ी के गुर्गे कचहरी पहुंचे, ताकि वे उससे कुछ बात कर सकें। उनमे से कुछ तो पहचान छुपाने के लिए वकील की ड्रेस में कोर्ट के बाहर पहुंचे थे। मोस्ट वांटेड कठघरे में खड़े होने के दौरान बाहर खड़े लोगों को देखकर कुछ इशारा भी कर रहा था। जिसे देखकर पुलिस वाले एक बार हरकत में भी आए,

जेल पहुंचने से पहले ही सेटिंग

कोर्ट ने मोस्ट वांटेड मोनू को चौदह दिन की न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया। पुलिस और एसटीएफ की कस्टडी में उसे जेल ले जाया गया। जहां पर पहले से ही उसके साथियों से सारी सेटिंग कर दी थी। उसे मनचाही बैरक मिलना भी तय हो गया है।