- राजधानी में भी आज चुनाव, जहां से सरकार करती है राज्य भर में शासन

PATNA : पांच चरणों के चुनाव में आज का चुनाव सबसे दिलचस्प है। आने वाले समय में बिहार की राजनीति में लालू परिवार की क्या भूमिका होगी इसकी परीक्षा की घड़ी है। दूसरी बड़ी लड़ाई पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के बीच है। नीतीश कुमार के साथ सोनिया-राहुल और लालू-राबड़ी की पार्टी की ताकत है तो नरेन्द्र मोदी के साथ रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी की ताकत। दोनों तरफ बागी खेल बनाने और बिगाड़ने का खेल खेलने में लगे हैं। नरेन्द्र मोदी सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों की ताबड़तोड़ सभाएं क्या अतिपिछड़ा व पिछड़ा वोट का बिखराव रोक पाएंगी? इसका जवाब भी जनता देगी। नारों की भी जबर्दस्त लड़ाई है- फिर से एक बार हो नीतीशे कुमार हो नारा जनता पसंद करेगी या फिर अबकी बार भाजपा सरकार का नारा चलेगा? प्रथम गणतंत्र वैशाली के महुआ विधान सभा से लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप और राघोपुर से छोटे पुत्र तेजस्वी अपना ताल ठोंक हुए हैं। दोनों ही जगह जेडीयू के बागियों को तरजीह दी गई है। लेकिन बड़ी बात ये कि दोनों सीटिंग विधायक हैं। महुआ में तेजप्रताप के मुकाबले हम के रवीन्द्र राय हैं तो राघोपुर में तेजस्वी का मुकाबला सतीश कुमार से है। आज ही नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में चुनाव हो रहे हैं और उस राजधानी पटना में भी जहां बैठकर नीतीश पूरे बिहार की बागडोर संभाल रहे हैं.राघोपुर में तेजस्वी अपनी मां की हार का बदला लेने के लिए मैदान में हैं, तो सतीश कुमार जेडीयू से बागी होकर भाजपा के टिकट पर अपनी जीत को दोहराने में लगे हैं। महुआ में तेजप्रताप का भाग्य इवीएम में जनता बंद करेगी। राबड़ी देवी यहां लगातार कैंपेन करती रही। राजधानी पटना की क्ब् सीटों पर मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है कि ये राजधानी या राजधानी के आस-पास के विधान सभा हैं। तमाम बड़ी पार्टियों के स्टार प्रचारक अपनी सभाएं इन विधान सभाओं में कर चुके हैं।

पटना जिले की क्ब् विधान सभा सीटों पर गौर कीजिए-

दीघा- ये इसलिए खास है कि राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक इसी विधान सभा में पड़ता है। यह देश के सबसे बड़े विधान सभा म गिना जाता है। यहां से जेडीयू की पूनम देवी सीटिंग विधायक हैं। वे जेडीयू से बागी हो गईं और हम में चली गईं। वे इस बार चुनाव नहीं लड़ रहीं। यहां जेडीयू के राजीव रंजन प्रसाद का मुकाबला बीजेपी के संजीव चौरसिया से है। दीघा में ओवरब्रीज से लेकर सड़कों तक का खासा निर्माण हुआ। आशियाना-दीघा सड़क चौड़ी हो गई। लेकिन अभी भी कई लिंक सड़को की हालत खराब है। मित्रमंडल कॉलोनी के अबंडकर नगर आदि ऐसे इलाके हैं जहां सड़को पर ही नाले का पानी बहता है। बरसात में कैसी हालत होगी इसका अंदाजा लगाइए।

बाकीपुर-यहां से बीजेपी के नितिन नवीन सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला कांगे्रस के कुमार आशीष से है। यहां के कई इलाकों में जल जमाव बड़ी समस्या है। चांदमारी रोड जैसे इलाके इसी विधान सभा में आते हैं। पेयजल की समस्या कई इलाको में है।

कुम्हरार- यहां से बीजेपी के अरूण कुमार सिन्हा सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस के अकील हैदर से है। यहां भी जल जमाव की बड़ी समयस्या है। कई सड़कों और नालों का निर्माण हुआ लेकिन बड़ा हिस्सा अभी भी इस तरह की मूलभूत जरूरतों से मरहूम है।

पटना साहिब- यहां से बीजेपी के नेता और नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला आरजेडी के संतोष मेहता से है। ट्रैफिक यहां की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। सड़कें चौड़ी नहीं हुई। हर दिन का जाम है। पेयजल, जलजमाव, बिजली की समस्या लगातार है।

मोकामा-यहां से जेडीयू के अनंत सिंह सीटिंग विधायक हैं। जेडीयू ने अनंत सिंह का टिकट काट लिया है इसलिए अनंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इनका मुकाबला जेडीयू के नीरज कुमार और लोजपा के कन्हैया कुमार से है। कन्हैया, सूरजभान सिंह के भाई हैं। अनंत सिंह को जनता सहानुभूति वोट से जिताएगी या मजा चखाएगी ये फैसला आज इवीएम में बंद होगा।

बाढ़- जेडीयू के ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू सीटिंग विधायक हैं। बाद में वे बागी होकर बीजेपी में चले गए। बीजेपी के ज्ञानू का मुकाबला जेडीयू के मनोज कुमार सिंह से है।

बख्तियारपुर- यहां से आरजेडी के अनिरुद्ध कुमार सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला बीजेपी के रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया से है।

फतुआ- यहां से आरजेडी के रामानंद यादव सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला लोजपा के सत्येन्द्र कुमार सिंह से है। कॉलेज के नाम पर एक ही कॉलेज है। ग्रेजुएशन में भी कॉमर्स की पढ़ाई नहीं होती। एमए की सुविधा नहीं। हेल्थ सेंटर में सुविधाओं का अभाव। रेलवे क्रासिंग बंद हो जाने से काफी परेशान हैं लोग।

दानापुर- यहां से बीजेपी की आशा देवी सीटिंग विधायक हैं। आरजेडी के राजकिशोर यादव से इनका मुकाबला है। कुख्यात रीतलाल यादव विधान परिषद् जा चुके हैं इसलिए वे विधान सभा चुनाव नहीं लड़ रहे। रीतलाल यादव के भाई टंकू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। एनएच की हालत अब तक नहीं सुधरी। कई गलियों की पक्कीकरण नहीं हुआ।

मनेर- यहां से आरजेडी के भाई वीरेन्द्र सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला बीजेपी के श्रीकांत निराला से है। वायदों के बावजूद कई विकास कार्य पूरे नहीं हुए।

फुलवारी- यहां से श्याम रजक सीटिंग विधायक हैं। वे बिहार सरकार में मंत्री भी हैं। इसलिए इस सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। उनका मुकाबला हम पार्टी के राजेश्वर मांझी से है। उदय मांझी को बीजेपी ने जब टिकट नहीं दिया तो वे सपा के टिकट पर टक्कर देने में लगे हैं। कई दलित बस्तियों में अभी भी वही पुरानी ईंट की सड़क है। पेयजल संकट के साथ स्वास्थ्य सेवा का हाल बेहतर नहीं।

मसौढ़ी- जेडीयू के अरूण मांझी यहां से सीटिंग विधायक हैं। इस बार यहां आरजेडी की रेखा देवी मैदान में हैं जिनका मुकाबला हम पार्टी की नूतन देवी से है। पेयजल से लेकर स्वास्थ्य सेवा का संकट कायम है।

पालीगंज- बीजेपी की ऊषा विद्यार्थी सीटिंग विधायक हैं। इनका टिकट बीजेपी ने काट लिया है। यहां से आरजेडी के जयव‌र्द्धन यादव उर्फ बच्चा यादव का मुकाबला बीजेपी के जमजन्म शर्मा से है। लोड शेंिडंग से परेशानी है। कई सड़को का निर्माण होना बाकी है।

विक्रम- यहां से बीजेपी के अनिल कुमार सीटिंग विधायक हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस के सिद्धार्थ से है। बरसात में कई गलीनुमा सड़के चलने लायक नहीं रह जाती।