PATNA CITY : बिहार असेंबली में प्रतिपक्ष नेता नंदकिशोर यादव की जीत का छक्का लगाने से रोकने के लिए महागठबंधन ने पुरजोर तैयारी कर रखा था। नेता व कार्यकर्ता रणनीति के तहत काम कर रहे थे। राजनैतिक पंडितों की मानें तो इसका प्रमुख कारण नंदकिशोर यादव से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की नाराजगी थी। उनके बेटे के खिलाफ उसे चुनावी मैदान में उतारा गया, जिसे पार्टी ने टिकट से वंचित कर दिया था। हालांकि सतीश राय भी चुनाव हार गए।

लालू ने लगाई पूरी ताकत

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राघोपुर से सीटिंग कैंडिडेट सतीश राय का टिकट काट कर तेजस्वी को कैंडिडेट घोषित किया। इसके बाद नंदकिशोर ने सतीश राय को बीजेपी में शामिल कर उन्हें राघोपुर से तेजस्वी के खिलाफ बतौर कैंडिडेट चुनावी समर में उतार दिया। इससे लालू प्रसाद नंदकिशोर यादव से खासे नाराज थे।

पोलिंग के पूर्व चलाया जन संपर्क अभियान

लालू के नजदीकी लीडरों की मानें तो ख्8 अक्टूबर को चुनाव से पूर्व जबरदस्त जन संपर्क अभियान चलाया गया। हर हाल में नंदकिशोर यादव को हराने की अपील की। इधर, नंदकिशोर यादव से उनकी पार्टी से लेकर पब्लिक में रहा गुस्सा निगेटिव वोट में बदल गया। हालांकि चुनाव नजदीक आते-आते लोगों के गुस्से की आग ठंडी पड़ गई। श्री यादव मतदाताओं को मनाने में सफल रहे। सीएम नीतीश ने भी अपनी पब्लिक मीटिंग में नंदकिशोर यादव पर खासा प्रहार किया था।

जीत के प्रति थे आश्वस्त

नंदकिशोर यादव जीत के प्रति आश्वस्त थे। उन्होंने तीसरे चरण के चुनाव में अन्य असेंबली एरिया के चुनाव प्रचार से खुद को अलग रखा। वे अपने असेंबली एरिया में ध्यान केंद्रित रखा। उनके सपोर्ट में झारखंड के सीएम रघुवर दास, सेंट्रल मिनिस्टर रामविलास पासवान, रामकृपाल यादव, उपेंद्र कुशवाहा, एक्स सीएम जीतन राम मांझी, भोजपुरी एक्टर सह सांसद मनोज तिवारी, बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन, शकुनी चौधरी, सम्राट चौधरी ने जबरदस्त कैंपेन किया।