PATNA: बिहार का चुनाव देश का चुनाव बन गया है। इतना ही नहीं दुनिया की नजर इस चुनाव पर है। इसकी वजह नरेन्द्र मोदी सरकार है। लगभग डेढ़ वर्ष की अल्पअवधि में ही इस सरकार ने देश को बहुत निराश किया है। अपने कार्यकलाप और रंग-ढंग से देश भर में गंभीर चिंता पैदा कर दिया है। ये कहा पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने।

उन्होंने कहा कि भविष्य में कुछ हो पाएगा यह उम्मीद भी मोदी सरकार नहीं जगा पाई है। सबका साथ और सबके विकास का आश्वासन देकर सत्ता में आने के बाद यह सरकार धर्म के आधार समाज को बांटने का प्रयास कर रही है।

बिहार चुनाव में जिस प्रकार हिंदू-मुसलमानों को बांटने वाला भाषण किया गया, यह हम सबने सुना है। प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म ढंग से तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खुले तौर वोट के लिए समाज को बांटने का प्रयास किया। सांप्रदायिकता फैलाने वाले इनके विज्ञापनों पर चुनाव आयोग ने इनको फटकार लगाई और उनको हटवाया। विरोध दर्ज कराते हुए देश के साहित्यकार, इतिहासकार, कलाकार और वैज्ञानिक सामूहिक रूप से अपना-अपना पुरस्कार लौटा रहे हैं या सार्वजनिक रूप से बयान देकर अपनी चिंता का इजहार कर रहे हैं। कहा कि राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा जागरूक हमारे प्रदेश की जनता इस बात को समझती है। इसलिए जेपी, लोहिया और कर्पूरी की धरती पर इनको परास्त कर यह संदेश दे देना है कि हम आपको देश बांटने की नीतियों को चलाने की इजाजत नहीं देंगे।