- छह जिलों की 32 सीटों पर 2010 के मुकाबले करीब तीन फीसद अधिक मतदान
- पुरुषों की तुलना में पांच फीसद अधिक महिलाओं ने किया मतदान
- 456 प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम में हुआ कैद, जिसमे 32 महिला उम्मीदवार
PATNA : दूसरे चरण में बंदूक पर भारी पड़ा वोट और लोगों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दूसरे चरण में कुल भ्भ्.भ्ब् प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। पिछले विधानसभा चुनाव से लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल वोटिंग प्रतिशत भ्क्.7ख् था, जिसे देखते हुये आयोग ने दूसरे चरण में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये, जिससे वोटर घरों से बाहर निकले व एक बेहतर लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान दिया। आयोग के मुताबिक दूसरे चरण में महिलाओं का प्रतिशत भ्7.भ्0 रहा। ख्0क्0 के विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में भ्ख्.0फ् प्रतिशत मतदान हुआ था। छह जिलों के 9,क्क्9 मतदान केंद्रों पर कड़ी चौकसी के बीच सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया था। हालांकि मतदान धीमी गति से शुरू हुआ लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, लोग घरों से निकलते गये व मतदान प्रतिशत बढ़ता गया।
नक्सलियों के मंसूबे हुये नाकाम
नक्सलियों ने मतदान पूरी तरह से बाधित करने की तैयारी कर रखी थी, लेकिन 9म्भ् अर्द्धसैनिक बल व पुलिस की कंपनियों की चुस्त व्यवस्था ने नक्सलियों के नापाक इरादों को ध्वस्त कर दिया। इस चुनाव के प्रथम चरण से थोड़ा कम ही सही, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से करीब तीन फीसद अधिक मतदान करके इन छह जिलों के मतदाताओं ने लोकतंत्र का परचम फहरा दिया। स्थिति यह हो गई कि नक्सली अपने ही बील के अंदर दुबक कर बैठे रहे।
घरों से निकली महिलाएं
छह जिलों में से ख्फ् नक्सल प्रभावित सीटों वाले इस क्षेत्र की महिलाओं ने वोट देकर अपनी भागीदारी दर्ज की। इन दोनों चरणों में नारी शक्ति का पूरा जोर देखने को मिला, पिछले दोनों चरणों में पांच फीसदी महिलाओं ने पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा वोट किया है। कई जिलों में तो महिलाओं ने जमकर वोट दिया, सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतारें लगना शुरू हो गया था, खासकर के गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल, कैमूर और सासाराम जिलों में महिलाओं ने अपने मतदान के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। इस दौड़ में युवा वर्ग की भागीदारी से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
महिलाओं के जिम्मे चुनाव
चुनाव आयोग पहली बार सात ऐसे मॉडल बूथ बनाए थे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई थी, सुरक्षा से लेकर वोटिंग तक के कार्य महिलाएं कर रही थीं, जिसमे मतदान पदाधिकारी, माइक्रो आब्जर्वर, एजेंट, तथा सुरक्षाकर्मी सभी महिलाएं थीं। जिससे महिला वोटरों के अंदर आत्मविश्वास भी बढ़ता दिख रहा था।
कड़ी चौकसी के बीच संपन्न हुआ चुनाव
नक्सल प्रभावित इलाके होने के कारण चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए तमाम तरह के प्रबंध किए थे, कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इमामगंज क्षेत्र में बसेता गांव के बूथ पर ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के जवान हरेंद्र सिंह गुर्जर की हृदयगति रुक जाने से मौत हो गई, हरेंद्र मध्य प्रदेश के रहनेवाले थे और क्म्9 बटालियन से संबद्ध थे। अर्द्धसैनिक बल ने रफीगंज के कसमा थाना के बूथ नंबर क्ब्ब् में वोटिंग शुरू होने के वक्त ही एक संदिग्ध केन बम भी बरामद कर एक बड़े हादसे को टाल दिया। सुरक्षित मतदान के लिए अर्द्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस बल की 99फ् कंपनियां लगाइर्1 गई थी।
वोट प्रतिशत
जिला ख्0क्0 ख्0क्भ्
कैमूर भ्8.भ्म् भ्7.8म्
रोहतास भ्ख्.ब्फ् भ्ब्.म्म्
अरवल ब्7.भ्ब् भ्फ्.ख्क्
जहानाबाद ब्9.78 भ्म्.ब्9
औरंगाबाद भ्0.भ्ख् भ्ख्.भ्
गया भ्क्.भ्क् भ्भ्.भ्ब्
फाइल फैक्ट
कुल सीटें : फ्ख्
कुल मतदाता : 8म्,क्फ्,8फ्ख्
महिला : ब्0,ख्भ्,फ्भ्क्
पुरुष : ब्भ्,88,ख्ख्फ्
अन्य : ख्भ्8
उम्मीदवार : ब्भ्म्
महिला उम्मीदवार : फ्ख्
मतदान केंद्र : 9,क्क्9
दूसरे चरण्ा में मतदान
कुल : भ्भ् फीसद
महिला : भ्7.भ्0 फीसद
पुरुष : भ्ख्.भ्0 फीसद
पहले चरण्ा में मतदान
कुल : भ्7 फीसद
महिला : भ्9.भ् फीसद
पुरुष : भ्ब्.भ् फीसद