- माले 18, सीपीआई 13 और माकपा के 2 उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में बंद

PATNA : सोलहवीं विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार को समाप्त हो गया। छह जिलों के बत्तीस विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। ये छह जिले वामपंथी आंदोलन के जाने जाते रहे हैं। आज भी इन इलाकों में वाम मजबूत स्थिति में हैं। कई सीटों पर वामपंथी कैंडीडेट विधायक भी चुनते आये हैं। लेकिन इन सीटों पर ख्0क्0 में एक भी विधायक लेफ्ट पार्टी के चुनकर नहीं आये। बावजूद इसके कई सीटों पर इस बार लेफ्ट के उम्मीदवार कड़ी टक्कर देने स्थिति में हैं। यह चुनाव वामदलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय है, क्योंकि बिहार के छह वामदल इस बार एक साथ चुनावी मैदान में हैं।

कई सीटों पर कांटे की टक्कर

दूसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान हुआ है उनमें से पांच से अधिक सीटों पर वाम के विधायक रह चुके हैं। कई सीटों पर तो माले ने पिछले विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर दी थी। माले के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे और बहुत की कम मतों से अपनी सींट गंवाई थी। मालूम हो कि भकपा माले का कब्जा काराकाट और ओबरा सीट पर रह चुका है। आज भी इन दोनों सीटों पर माले का प्रभाव माना जाता है। इतना ही नहीं नोखा में भी पार्टी ने मजबूत स्थिति बना ली है। वहीं अरवल सीट को भी माले ने कई बार कम मतों से गंवाई है। वहंी गोह रफीगंज, बोधगया, औरंगाबाद, नवीनगर सहित कई सीटों पर सीपीआई का कब्जा रह चुका है। इन बत्तीस सीटों में माले अठारह, सीपीआई तेरह और माकपा के दो सीटों पर कैंडीडेट हैं।

वामदलों के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल

बत्तीस सीटों पर तीनों बड़े वामदलों के कैंडीडेट हैं। इन सबकी किस्मत ईवीएम में कैद हो गए हैं। इस बार वामदल एक साथ हैं इसलिए यह भी माना जा रहा है कि इस बार उनके लिए सीट निकालना भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। चुनाव के बाद कई सीटों के उम्मीदवारों और लोकल्स से बातचीत के बाद यह बात सामने आती है कि ओबरा और काराकाट से माले की स्थिति अच्छी है। वहीं भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि हमारे उम्मीदवारों की स्थिति काफी अच्छी है और हमारे कारण ही कई सीटों पर मामला त्रिकोणीय हो रहा है। मालूम हो कि चैनपुर और सासाराम सीट से माकपा लड़ी है और माकपा को उम्मीद है कि परिणाम अच्छे होंगे। गया शहर की बात करें तो 90 के पहले तक यह सीट भाकपा जीतती रही है। लेकिन अब इस सीट पर यह कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है। ख्0क्0 के विधानसभा चुनाव में भी यहां भाकपा सकेंड नंबर पर रही थी। काराकाट, ओबरा, कुर्था, जहानाबाद, घोसी डेहरी, भभुआ आदि सीटों पर मामला त्रिकोणीय हो चला है। वाम समर्थित उम्मीदवार इस बार कई सीटों पर महागठबंधन और एनडीए को मजबूत टक्कर देते नजर आ रहे हैं।