-थर्ड फेज के इलेक्शन में लालू यादव के दोनों बेटों के किस्मत का फैसला भी

-रीतलाल और विजय सिंह यादव के भाईयों की भी अग्नि परीक्षा इसी फेज में

-शिवानंद तिवारी और सीपी ठाकुर के के पुत्र भी तीसरे चरण के ं मैदान में

PATNA : इलेक्शन का थर्ड फेज कई मायनों में खास है। क्योंकि इस चुनाव में जिस एलायंस ने बाजी मारी वह सत्ता के करीब पहुंच सकता है। इस चरण में कई दिग्गजों के पुत्रों का भाग्य का फैसला भी होना है। लालू के दोनों पुत्रों की राजनीति पाठ की परीक्षा भी जनता लेने वाली है। इस एग्जाम में वे पास होते हैं या फेल यह तो जनता तय करेगी लेकिन तीसरे फेज के इलेक्शन ने लालू और उनकी फैमिली की नींद जरूर उड़ा रखी है। हो भी क्यों नहीं। आखिरकार राजनीतिक विरासत संभालने के लिए आगे आने वाली उनकी पत्‍‌नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी पिछला विधानसभा इलेक्शन हार चुकी हैं और बीते लोकसभा चुनाव में बेटी डॉ मीसा भारती को भी जनता ने रिजेक्ट कर, लालू के कभी सबसे करीबी होकर बागी बने रामकृपाल यादव की जीत पर मुहर लगा दी थी।

भिड़ंत मजबूत दावेदारों से

लालू के छोटे बेटे व उनकी विरासत संभालने की उम्मीद में सबसे आगे चल रहे तेजस्वी प्रसाद यादव राघोपुर से ताल ठोंक रहे हैं। परम्परागत सीट रही है। मगर पिछली बार मां के हारने के बाद फिर उसे पाने की जोरदार कोशिश कर रहे हैं। मुख्य मुकाबला जेडीयू से टिकट कटने के बाद से भाजपा का दामन थाम टिकट पाने वाले सतीश कुमार से है। दोनों की जाति एक है। ऐसे में अपने लोगों में कौन किसे ज्यादा अपना मानता है बस लड़ाई इसी की है। सतीश ही राबड़ी देवी पर अप्रत्याशित जीत दर्ज कर सुर्खियों में आये थे। इस बार भी उनकी दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। लेकिन फैसला जनता और तेजस्वी पर लोगों के भरोसे के बीच टिका है। हार जीत का मार्जिन अधिक न होने पर तो वहां के लोग भी मुहर लगा रहे मगर इसी किसके हाथ जायेगी यह कहना मुि1श्कल है।

बागी हुए विधायक की सीट मिली अब जीत की आस

आरजेडी सुप्रीमो के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य का फैसला इसी चुनाव को तय करना है। पिछले चुनाव में दोनों की उम्र कम थी सो टिकट नहीं पा सके। इस बार दोनों बेटों के लिए महागठबंधन में जेडीयू ने अपनी सीटिंग सीट दी है। महुआ से लड़ रहे तेजप्रताप की टक्कर सीधे तौर से एनडीए कैंडिडेट से होनी है। वहां से रविन्द्र राय सीटिंग एमएलए हैं और इस बार वे हम से लड़ रहे हैं। जबकि जोगेश्वर राय पिछली बार आरजेडी से चुनाव लड़े थे, इस बार निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानी जाये तो उनको मिलने वाला वोट तेजप्रताप के ही खाते का हो सकता है।

शिवानंद तिवारी और सीपी ठाकुर के पुत्र भी

तीसरे चरण में ही एक्स एमपी शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी भी पॉलिटिकल एग्जाम देंगे। वे शाहपुर से खड़े हैं जहां से उनके पिता चुनाव लड़ा करते थे। शिवानंद इलेक्शन न लड़ने का एलान पहले ही कर चुके हैं, ऐसे में लालू ने राहुल को इस बार लालटने थमाई है। उनकी टक्क्कर बीजेपी के विशेश्वर ओझा से सीधी होनी मालूम पड़ रही है। विशेश्वर के लिए केन्द्र के कई मंत्रियों के अलावा स्टेट बीजेपी के कद्दावर नेता प्रचार कर चुके हैं। इसके अलावा एक और दिग्गज की दांव बेटे के चुनाव लड़ने पर लगी है। बीजेपी के सीनियर लीडर वह एक्स सेन्ट्रल मिनिस्टर सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर भी ब्रहमपुर से इलेक्शन लड़ रहे हैं। वहां से महागठबंधन के लिए आरजेडी की ओर से शंभूनाथ यादव ने कमान संभाल रखी है। इन्हीं दोनों की जोर आजमाइश की बात क्षेत्र के लोग बता रहे है लेकिन वाम दल भी वहां से मुकाबला के त्रिकोणिय बनाने में लगे हैं। इसके अलावा इंडिया के भौगोलिक आधार पर सबसे बड़े असेम्बली एरिया दीघा से भी भाजपा के सीनियर लीडर गंगा प्रसाद के बेटे संजीव चौरसिया इलेक्शन लड़ रहे हैं। गंगा प्रसाद का कद बीजेपी में एक बड़े नेता के रूप में है ऐसे में उनकी राजनीतिक इज्जत भी बेटे की जीत पर टिकी है। संजीव चौरसिया की टक्कर जेडीयूु के राजीव रंजन प्रसाद से है। वहीं एनसीपी की ओर से संजय वर्मा भी ताल ठोक रहे हैं।

कहीं भाई तो कहीं पत्नी का फैसला

तीसरे चरण में पुत्रों के अलावा कई नेताओं की पत्‍‌नी तो कई के भाइयों की किस्मत का भी फैसला होने वाला है। लोजपा नेता व एक्स एमपी सूरजभान सिंह के भाई कन्हैया सिंह ने मोकामा में लोजपा की टिकट पर लड़ाई छेड़ दी है। उनके सामने बाहुबली व जेल में बंद सीटिंग एमएलए अनंत कुमार सिंह हैं। इसके अलावा नीरज कुमार भी महागठबंधन की ओर से तीर लेकर खड़े हैं। मुकाबला दिलचस्प के साथ सुर्खियों में रहने वाला है। कारण अनंत सिंह हैं, पहले जेल जाना फिर जेडीयू से रिजाइन और निर्दलीय ताल ठोंकना भी उनके पॉलिटिकल करियर की दिशा तय करेगी। इसके अलावा दानापुर से डॉन से नेता बने रीतलाल यादव का भाई टिंकू यादव भी मैदान में है। आरजेडी ने वहां से एक्स राज्यसभा एमपी विजय सिंह यादव के भाई राजकिशोर यादव को अपना कैंडिडेट बनाया है। साथ ही एनडीए की ओर से बीजेपी से आशा देवी इलेक्शन लड़ रही हैं। इस सीट पर भी उलटफेर होने की उम्मीद लोगों ने लगा रखी है। वहीं एक अन्य बाहुबली और सीटिंग एमएलए सुनील पाण्डेय की पत्‍‌नी गीता पाण्डेय चुनाव लड़ रही हैं। सुनील पाण्डेय हाल ही में जेल से छूटे हैं और जेडीयू से रिजाइन कर पत्‍‌नी को अपनी सीट तरारी से इलेक्शन में उतारा है।