PATNA : लालू प्रसाद से हाथ मिलाने वाले नीतीश कुमार लाख कोशिश कर लें भाजपा किसी भी कीमत पर पुराने दिनों को लौटने नहीं देगी। जंगलराज वाले उन पुराने दिनों को याद कर बिहार की जनता आज भी सहम जा रही हैं। सत्ता की लिप्सा में नीतीश कुमार भले उन पुराने दिनों को भूल कर लालू प्रसाद और कांग्रेस की गोद में चले गए हैं, मगर बिहार की जनता नहीं भूली है जब शो रूम से गाडि़यां उठा ली जाती थीं। अपहरण उद्योग बन गया था और अपराधी लक्जरी गाडि़यों से बंदूक की नाल बाहर निकाल कर दहशत फैलाते हुए घूमते थे। सुशील मोदी ने कहा कि जंगलराज के उन काले-भयावह दिनों को कोई बिहारी कैसे भूल सकता है जब सामूहिक नरसंहारों के अन्तहीन सिलसिले से पूरा देश शर्मसार था। शाम होने से पहले ही गांवों में सन्नाटा छा जाता था। क्0 हजार से ज्यादा कारोबारियों, डॉक्टरों व इंजीनियरों को बिहार से पलायन करने के लिए विवश होना पड़ा था। फिरौती के लिए अपहरण उद्योग बन चुका था। सुबह निकला कोई व्यक्ति शाम में जब तक सुरक्षित घर नहीं पहुंचता था, परिवारवालों को चैन नहीं मिलता था। कहा कि नीतीश जी, आप उन पुराने दिनों को लौटाने की बात कह रहे हैं जब बिहार की सड़कें गढ्डे में तब्दील हो गई थीं। दूरियां किलोमीटर में नहीं घंटों में मापी जाती थीं। स्कूलों को बंद कर चरवाहा विद्यालय खोलवा दिए गए थे। कलम-किताब की जगह युवाओं के हाथों में लालटेन और लाठी थमा दिए गए थे। पूरा बिहार अंधकार में डूबा था। अपराध व गुंडागर्दी चरम पर था। जिसकी लाठी, उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ हो रही थी। कहा कि जंगलराज के नायक लालू प्रसाद को साथ लेकर न केवल बिहार की जनता का अपमान किया बल्कि बिहार की हकमारी भी की। लालू प्रसाद को साथ लेकर अच्छे दिन नहीं लाये जा सकते हैं। परिवर्तन का मन बना चुकी बिहार की जनता दहशत व आतंक के उन पुराने दिनों को लौटने देने के लिए कतई तैयार नहीं है।