PATNA : नंदकिशोर यादव नेता प्रतिपक्ष हैं। वे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और पटना साहिब से विधान सभा का चुनाव भी लड़ रहे हैं। इससे उनके राजनीतिक कद का आकलन आप कर सकते हैं। उनसे आई नेक्स्ट ने बातचीत की :

बीजेपी की क्या स्थिति है इस चुनाव में?

- लोग आरजेडी को नहीं चाहते और नीतीश कुमार उनके समर्थन के बिना सरकार नहीं चला सकते। बिहार के लोग क्भ् साल पीछे नहीं लौटना चाहते। बीजेपी के मंत्रियों ने जो काम किया वह बेहतर किया। बीजेपी का एजेंडा विकास का है उनका जाि1त का है।

नीतीश कुमार से ज्यादा लालू प्रसाद आपके निशाने पर हैं?

-दोनों ही निशाने पर हैं। नीतीश कुमार ने भीतरघात किया है।

नेताओं की वाणी पर संयम क्यों नहीं?

-आदमी हताश होता है तो वाणी से नियंत्रण खो देता है। लालू प्रसाद के साथ यही हो रहा है। महागठबंधन नाम की चीज ही नहीं है। मुलायम राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे ये किसने कहा था। तारिक अनवर भी अलग हो गए। बनने के पहले ही टूट गया ये सब। जो साथ हैं वे तीनों भी साथ में मंच शेयर नहीं कर रहे। सोचिए राहुल गांधी के मंच पर लालू प्रसाद ने अपने बेटे को भेज दिया। कांग्रेस की बीमारी लग चुकी है नीतीश कुमार को। नीतीश कुमार को ये भी समझना चाहिए कि नीतीश ही बिहार नहीं हैं। इंदिरा समझने लगी थीं इंदिरा इज इंडिया।

आपने मुख्यमंत्री पद के लिए कोई उम्मीदवार ही सामने नहीं किया?

-ये हमारी रणनीति का हिस्सा है। झारखंड, हरियाणा में हम बिना चेहरे के चुनाव लड़े। हम तो दो तिहाई वोटों से जीत रहे हैं।

मुस्लिम वोट बैंक बीजेपी से बिल्कुल छिटक चुकी है?

- बीजेपी जाति, संप्रदाय के आधार पर आगे नहीं बढ़ती। हर वर्ग में बीजेपी की पहचान है।

यादव वोट बैंक भी आपसे दूर है। जबकि आप सहित भूपेन्द्र यादव मौजूद हैं पार्टी में?

-हर चुनाव में यही धारणा दिखती है। लेकिन बीजेपी ने इसे कई बार झुठलाया है। ऐसा ही होता तो लालू एंड फैमिली का ये हाल नहीं होता।

टिकट बंटवारे के बाद एनडीए के अंदर काफी तनाव रहा। बीजेपी ऑफिस में कई बार हंगामा हुआ, तोड़फोड़ हुआ?

- बीजेपी ने समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है। हमारे यहां एक सीट पर क्0-क्0 सक्षम नेता मौैजूद हैं।

आपके खिलाफ आपके शिष्य ही चुनाव मैदान में हैं?

- लोग मेरे खिलाफ लड़ते हैं। मैं नहीं लड़ता किसी के खिलाफ। मेरा वोट हर बार बढ़ता ही जा रहा है। मैं बिहार में सर्वाधिक वोट से चुनाव जीत चुका हूं।