-आने जाने का खर्च डेढ़ लाख मगर वोट भी कास्ट न कर सके, अंतिम समय में प्रशासन ने भी हाथ किये खड़े

-पत्‍‌नी का नाम था मगर आशीष आदर्श का नाम नहीं था, वर्ष 2010 के असेम्बली इलेक्शन में किया था वोट

PATNA : अपने स्टेट में नई सरकार के गठन में उनकी भी भागीदारी हो। यह सोचकर इंडोनेशिया से वोट करने आये थे आशीष आदर्श मगर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी। दुखी आशीष को पता था कि उनका नाम लिस्ट से कट चुका है लेकिन इसके बाद भी एक आशा लेकर वह पहुंचे थे अपने उस बूथ पर जहां वे पिछली बार के असेम्बली इलेक्शन में वोट किया था। दरअसल राजेन्द्र नगर के मोइनुलहक स्टेडियम स्थित बूथ संख्या म्क् पर पहुंचे थे। आशीष की पत्‍‌नी श्वेता अभिषेक का नाम तो वोटर लिस्ट में था मगर उनका नाम कटा हुआ था। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन के दफ्तर के भी चक्कर काटे मगर फायदा नहीं हो सका। वहां से भी जबाब मिला कि 7 तारीख तक नाम जोड़ने की आखिरी तारीख थी और प्रशासन की ओर से भी हाथ खड़े कर दिये गये। इसके बाद भी वे इस आशा के साथ गये कि कहीं उनकी सुन ली गई हो और नाम जुड़ गया हो। पत्‍‌नी साथ नहीं आई वो इंडोनेशिया में ही है। वोट देने सिर्फ आशीष ही आये थे।

डेढ़ लाख का खर्च कर आये

आशीष आदर्श सिर्फ वोट करने के लिए ही ख्ब् अक्टूबर को पटना आये थे। वे क्ब् सालों से इंडेनेशिया में रह रहे हैं। वे वहां कोल माइंस इंजीनियर है। आशीष ने बताया कि वोट देने के लिए एक ओर आने का खर्च 7भ् हजार किया था। यानी आने जाने का खर्च डेढ़ लाख रुपये होगा मगर वोट दे देता तो कोई फर्क नहीं पड़ता। बीते लोकसभा चुनाव में वोट नहीं कर सका था इसलिये इस बार करना था। वोट देने के लिए आने कारण यह है कि बिहार में अच्छी सरकार हो और प्रदेश का विकास हो।