PATNA : बिहार विधान मंडल के दोनों सदन विधानसभा और विधान परिषद् से जीएसटी बिल पास हो गया। हालांकि विधानसभा में भाकपा (माले) ने विरोध किया और उसके सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। इसके बावजूद अन्य दलों ने एकजुटता दिखाते हुए विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। मालूम हो कि बिहार जीएसटी पास करने वाला देश का दूसरा (पहला राज्य असम) और पहला गैर भाजपाई राज्य बन गया। बहरहाल, जीएसटी पर मुहर लगने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा, आइए जानते हैं

क्या है जीएसटी

जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज के लिए टैक्स रेट एक होगा। अभी देश में गुड्स (मोबाइल हैंडसेट, कार, सिगरेट आदि) और सर्विसेज (टेलीकॉम, बुकिंग सेवाएं आदि) के लिए अदा किए जाने वाले टैक्स की दरें अलग-अलग हैं। सर्विसेज के लिए टैक्स की दर क्ब् फीसदी है जबकि गुड्स के लिए टैक्स की दर अगल-अलग है। अब ऐसा माना जा रहा है कि इस बिल के पास हो जाने से टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन आसान होगा। देश में ख्0 तरह के टैक्स लगते हैं और जब एक टैक्स इन सबकी जगह ले लेगा तो वह जीएसटी होगा।

भ् साल तक भरपाई करेगा केंद्र

पहले इस बिल को लेकर राज्य इसलिए डरे हुए थे कि इसके लागू होने के बाद उनकी कमाई घट जाएगी। क्योंकि पेट्रोल, डीजल से राज्यों के बजट का बड़ा हिस्सा चलता है। लेकिन जब केन्द्र ने कहा कि इन वस्तुओं पर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं वह शुरू के वर्षो में लेते रहेंगे। यह भी कहा कि राज्यों को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच सालों तक केन्द्र करेगा। साथ ही जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा वह केन्द्र और राज्य में एक तय हिसाब से बांटा जाएगा।

टैक्स पर टैक्स

उत्पादित सामान पर एक्साइज ड्यूटी लगता है, यह सामान जब बाजार में आता है तो इस पर वैट लगता है, यानी एक्साइज ड्यूटी पर वैट लगता है। जीएसटी में टैक्स पर टैक्स को समाप्त किया जाएगा।

सबसे बड़ी राहत

टैक्स का ढ़ांचा पारदर्शी होगा।

समान कर प्रणाली लागू होगा।

टैक्स विवाद कम होंगे। 7 की बजाय एक टैक्स।

कई तरह के टैक्स कानून और रेगुलेटरों का झंझट खत्म हो जाएगा।

सब कुछ ऑनलाइन होगा।

एक व्यक्ति या संस्था पर कई तरह के कर नहीं लगाए जा सकेंगे।

नई आईटी प्रणाली के विकास से माल कहां से चला और कहां गया सब ट्रांसपेरेंट रहेगा।

अब तक मैन्यूफैक्चरिंग स्टेट को लाभ हो रहा है। इसके पास हो जाने से बिहार जैसे कंज्यूमर स्टेट को भी लाभ होगा।

बाजार का विस्तार होगा।

एक्सपोर्ट में बिहार को फायदा होगा।

बाहर से माल बिहार आने पर ख् परसेंट महंगा हो जाता है। जीएसटी के बाद यह ख् परसेंट सस्ता हो जाएगा।

सेवा कर राज्य ले पाएगा।

ये बदल जाएगा

उपभोक्ता राज्य में सामान फ् प्रतिशत महंगा हो जाता था और उत्पादक राज्य को ख् प्रतिशत का कर प्राप्त होता था।

बिहार, बंगाल जैसे राज्यों में यदि उपभोग के लिए सामान आता है तो इंट्री टैक्स देना पड़ता है

क्या होगा फायदा

अनुमान है कि जीडीपी क्-ख् प्रतिशत बढ़ सकता है।

व्यापार करना आसान हो जाएगा।

ई-कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा।

राज्यों को सर्विस टैक्स पर कर लगाने का अधिकार मिलेगा।

अब केन्द्र सरकार ने भ् साल तक क्00 प्रतिशत कंपेशेसन देने का फैसला लिया है।

अगर यूरोप के ख्7 देश मिलकर एक बाजार बना सकते हैं तो भारत तो केवल एक देश है।

यूरोपियन यूनियन के ख्7 देशों में एक पासपोर्ट, एक मुद्रा, एक एकीकृत बाजार है। कोई सीमा पर चेक पोस्ट नहीं। क्9 देशों में एक मुद्रा है।

बिहार ने जीएसटी को पास करके नेशनल इंटीग्रेशन के अपने संकल्प को फिर से दोहराया है। अभी बिल से फायदे की बात कहना मुश्किल है। लेकिन इसके लागू

होने पर चार-पांच हजार करोड़ का फायदा होगा। बिहार सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा। घाटा पूरा होगा।

-शैवाल गुप्ता, सदस्य सचिव, आद्री

बिहार कंज्यूमिंग स्टेट है। इसको जीएसटी से लाभ होगा। यहां उपभोक्ता ज्यादा हैं। टैक्स आदि के समानीकरण से यह सरल होगा। टैक्स की चोरी भी रूकेगी। कंज्यूमर को राहत मिलेगी कि उसे कई तरह के टैक्स नहीं देना पडे़गा।

-प्रो नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

इससे कंज्यूमर को लाभ होगा। लेकिन छोटे व्यापारियों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को ध्यान में रखना होगा। हालांकि अभी रेट तय नहीं है। इसे देखने के बाद ही इसके बारे में व्यापक कुछ कहा जा सकता है।

- ओपी साह, अध्यक्ष बिहार चेम्बर ऑफ कॉमर्स

केन्द्रीय करों में बढ़ोतरी होगी तो राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा। जीएसटी लागू होने से माल - ढुलाई करने वाले ट्रकों को सीमा पर चुंगियों से भी मुक्ति मिल जाएगी जिससे खर्च कम होगा एवं समय की बचत होगी।

- रामलाल खेतान, अध्यक्ष बीआइए