24 घंटे का उपवास
उपवास के दौरान नीतीश समेत पार्टी के सभी नेता सिर्फ नींबू पानी ग्रहण करेंगे. वहीं, पटना के अलावा सभी जिलों और प्रखंड मुख्यालयों में 12 घंटे का राज्यव्यापी उपवास हो रहा है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय में 24 घंटे का उपवास शनिवार की सुबह 10 शुरू हुआ. यह रविवार की सुबह 10 बजे यह समाप्त होगा. जिला मुख्यालयों व प्रखंड मुख्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक यह उपवास चलेगा. विधायक-विधान पार्षद जो जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां के जिला व प्रखंड में उपवास का प्रतिनिधित्व कर रहे. पटना के जदयू मुख्यालय समेत कारगिल चौक भी जदयू जिला व महानगर के नेता-कार्यकर्ता उपवास पर बैठे हैं.

केंद्र सरकार बदले निर्णय 
नीतीश ने कहा कि उपवास के जरिये भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करना है. अपनी आवाज बुलंद करनी है और देश के जनमानस को जागरूक व जागृत करना है. उपवास का मकसद है कि केंद्र सरकार सजग हो और अपना निर्णय बदले. अगर बिल का निर्णय बदलता है यह जनतांत्रिक जीत होगी. इस विधेयक का विपक्ष के साथ-साथ केंद्र सरकार में शामिल दलों ने भी विरोध किया है. यह एक ऐसा सवाल है, जिससे पार्टियों के बैरियर को तोड़ा है. यह विधेयक कॉरपोरेट घरानों को खुश करने के लिए है. इससे किसानों की खेती वाली जमीन भी जबरन ले ली जायेगी. वहीं लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक नौ अहम बदलाव के साथ ध्वनिमत से पारित हो गया. इसमें विस्थापित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अपील का अधिकार देना सबसे महत्वपूर्ण है. बिल पर सरकार ने अपने सहयोगियों को मना लिया. अब यह राज्यसभा की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है.

सिर्फ मिलेगा नींबू पानी
जदयू मुख्यालय स्थित हॉल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद, विधायक, विधान पार्षद समेत 30 लोग ही उपवास पर बैठेंगे. हॉल में गद्दा, तकिया की व्यवस्था की गयी है. हॉल में 30 और परिसर में 100 आदमी के बैठने की व्यवस्था है. हॉल के बाहर कार्यालय परिसर व परिसर के बाहर भी टेंट लगाया गया है. परिसर में तोशक बिछायी गयी है. यहां 28 पंखे और लाइटिंग की पूरी व्यवस्था की गयी है. वहीं, परिसर के बाहर 300 लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की जा रही है. उपवास के दौरान कोई भी नेता अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. उन्हें सिर्फ नींबू पानी दिया जायेगा. जदयू का चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉक्टरों की टीम के साथ मौजूद रहेगा. वहीं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ निगरुण भजन गाता रहेगा.

24 घंटे का उपवास
उपवास के दौरान नीतीश समेत पार्टी के सभी नेता सिर्फ नींबू पानी ग्रहण करेंगे. वहीं, पटना के अलावा सभी जिलों और प्रखंड मुख्यालयों में 12 घंटे का राज्यव्यापी उपवास हो रहा है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय में 24 घंटे का उपवास शनिवार की सुबह 10 शुरू हुआ. यह रविवार की सुबह 10 बजे यह समाप्त होगा. जिला मुख्यालयों व प्रखंड मुख्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक यह उपवास चलेगा. विधायक-विधान पार्षद जो जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां के जिला व प्रखंड में उपवास का प्रतिनिधित्व कर रहे. पटना के जदयू मुख्यालय समेत कारगिल चौक भी जदयू जिला व महानगर के नेता-कार्यकर्ता उपवास पर बैठे हैं.


केंद्र सरकार बदले निर्णय
नीतीश ने कहा कि उपवास के जरिये भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करना है. अपनी आवाज बुलंद करनी है और देश के जनमानस को जागरूक व जागृत करना है. उपवास का मकसद है कि केंद्र सरकार सजग हो और अपना निर्णय बदले. अगर बिल का निर्णय बदलता है यह जनतांत्रिक जीत होगी. इस विधेयक का विपक्ष के साथ-साथ केंद्र सरकार में शामिल दलों ने भी विरोध किया है. यह एक ऐसा सवाल है, जिससे पार्टियों के बैरियर को तोड़ा है. यह विधेयक कॉरपोरेट घरानों को खुश करने के लिए है. इससे किसानों की खेती वाली जमीन भी जबरन ले ली जायेगी. वहीं लोकसभा में मंगलवार को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक नौ अहम बदलाव के साथ ध्वनिमत से पारित हो गया. इसमें विस्थापित किसान परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अपील का अधिकार देना सबसे महत्वपूर्ण है. बिल पर सरकार ने अपने सहयोगियों को मना लिया. अब यह राज्यसभा की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है.


सिर्फ मिलेगा नींबू पानी
जदयू मुख्यालय स्थित हॉल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, सांसद, विधायक, विधान पार्षद समेत 30 लोग ही उपवास पर बैठेंगे. हॉल में गद्दा, तकिया की व्यवस्था की गयी है. हॉल में 30 और परिसर में 100 आदमी के बैठने की व्यवस्था है. हॉल के बाहर कार्यालय परिसर व परिसर के बाहर भी टेंट लगाया गया है. परिसर में तोशक बिछायी गयी है. यहां 28 पंखे और लाइटिंग की पूरी व्यवस्था की गयी है. वहीं, परिसर के बाहर 300 लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की जा रही है. उपवास के दौरान कोई भी नेता अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. उन्हें सिर्फ नींबू पानी दिया जायेगा. जदयू का चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉक्टरों की टीम के साथ मौजूद रहेगा. वहीं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ निगरुण भजन गाता रहेगा.

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