PATNA : भाजपा के सबसे लोकप्रिय और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को चुनावी दौरे पर थे। शनिवार को उनकी सभा हिसुआ मटिहानी और बिहपुर के ग्रामीण ईलाकों में थी। कार्यक्रम के बाद पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर आई नेक्स्ट के साथ बात की। पेश है बातचीत के संक्षिप्त अंश -

प्र। बिहार की राजनीति को कैसे देख्ाते हैं?

- यहां की राजनीति भी जातिवाद से उपर उठ गयी है। अब यहां भी विकास एजेंडा हो गया है। मध्यप्रदेश में हमलोगों ने विकास को एजेंडा बनाया। आज हालत ये है कि मध्य प्रदेश जो कभी बीमारू राज्य गिना जाता था, अब वो विकसित राज्य के पांत में शामिल हो गया है। कृषि विकास दर पिछले चार साल से बीस परसेंट के उपर है। सोशल सेक्टर में हमलोगों ने काम किया है। निवेश आ रहा है।

प्र। पूरी उर्जा भाजपा ने बिहार में झोंक दी है। पीएम खुद चालीस चालीस सभा कर रहे हैं।

- बिहार बहुत महत्वपूर्ण है देश के लिए। बिहार के विकास के बिना देश का विकास अधूरा है। सभी जगहों पर भारतीय जनता पार्टी के कार्याकता काम करते हैं। हर राज्य में हमलोग इसी उर्जा और उत्साह के साथ काम करते हैं। हमे देश का विकास करना है इसलिए जरूरी है हर राज्य का विकास हो। बिहार महत्वपूर्ण कड़ी है बिहार जब आगे बढ़ेगा सच मायने में देश तभी आगे बढ़ेगा। हमारा ये कहना है कि जब विकास से मध्यप्रदेश गुजरात बदल सकता है तो बिहार भी बदल सकता है। जरूरत है कि एनडीए की सरकार की। प्रधानमंत्री जी चाहते हैं भाजपा चाहती है कि बिहार किा विकास हो।

प्र। सभा कर के लौट रहे हैं आप, क्या कहेंगे?

- मैंने आज तीन ग्रामीण ईलाकों में सभाएं की हैं। सभाओं में जबरदस्त उत्साह और जनसमर्थन देखने को मिला है। लोगों में गजब का उत्साह है। उसको देख के कह सकता हूं कि मोदी जी के नेतृव में लोगों को न केवल आस्था विश्वास है बल्कि श्रधा भी है। जबरदस्त रिस्पांस है। बिहार में इस बार परिवर्तन होगा और भाजपा की सरकार बनेगी।

प्र। बहुत निचले स्तर की बयानबाजी शुरु हो गयी है।

- बैखला गए है लोग। बुरी तरह से परेशान दिख रहे हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है उन्हें तो पुराने राग अलाप रहे हैं। कोई विजन नहीं क्या ऐसे ही लोग बिहार चलायेंगे। अब क्या कहा जायेगा इन लोगों को जो खुद कहते हैं कि मैं नहंी बोलता शैतान बोल जाता है।

प्र। मध्यप्रदेश की तुलना में कहां पाते हैं बिहार को?

- मध्यप्रदेश तो बहुत आगे है। पिछले दस सालों से एमपी का कृषि विकास दर दो अंको में है। एमपी का ख्ब्.99 तो बिहार का कृषि विकास दर क्ब्.ब्8 है। मध्यप्रदेश का साक्षरता दर म्9 परसेंट है तो बिहार का म्फ् परसेंट है। शिक्षा हमरे भविष्य का निर्माण करती है। लेकिन इसमें भी बिहार में प्रगति आश के अनुरूप नहीं दिखता है। पिछले दस सालों में बिहार में मात्र क्क् हजार 7म् स्कूल खुले हैं। वहीं मध्यप्रदेश में फ्ब् हजार 897 स्कूल खोले गए हैं। बिजली में भी बिहार का वहीं हाल है। मध्यप्रदेश में की कुल उत्पादन क्षमता क्भ् हजार ब्ब् मेगावाट तो बिहार की भ्फ् सौ मेगावाट है। जीडीपी भी हमारा बिहार से अधिक है। गेहूं के उत्पादन में हम पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर हैं। प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हम विकास कर रहे हैं अब जरूरत है बिहार के विकास की। यह तभी संभव है जब यहां भाजपा की सरकार बने।