PATNA : प्रथम चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा उम्र के वोटर कोई पुरुष नहीं महिला रही। बेगूसराय जिले के क्ब्फ्-तेघड़ा विधान सभा की क्08 साल की महारानी देवी ने वोट किया। ख्0क्0 में नीतीश कुमार फिर से सत्ता में आए थे तब यही बात सामने आयी थी कि महिलाओं ने ही नीतीश कुमार की वापसी करायी। सूबे में महिला वोटर्स की बात करें तो प्रथम चरण में पुरुष और महिला वोटर्स का वोटिंग परसेंटेज क्रमश: भ्ब्.भ्0 और भ्9.भ्0 रहा। दूसरी तरफ बूथ पर ज्यादा भीड़ यूथ वोटर्स की दिखी। महिलाओं ने जहां लॉ एंड ऑर्डर, महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर वोटिंग की तो युवाओं ने बिहार के विकास सहित जॉब और एडुकेशन के मुद्दे पर वोटिंग की। युवाओं ने जातियों की जड़ता तोड़ी।

पहली बार ये डाल रहे हैं वोट

चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में क्ख् परसेंट यूथ वोटर्स हैं। ये ऐसे वोटर्स हैं जो पहली बार वोट डाल रहे हैं। इनकी उम्र क्8 और क्9 साल के बीच की है। पहले चरण में क्ब् लाख ऐसे यूथ, बूथ तक पहुंचे। तमाम पॉलिटिकल पार्टियों की नजर में ये यूथ रहे। शायद यही वजह है कि जेडीयू का विज्ञापन यूट्यूब पर भी खूब दिखा। सोशल साइट्स पर तमाम जानी-पहचानी पार्टियां एक्टिव रहीं। फेसबुक, ट्यूटर और एनरॉयड मोबाइल का इस्तेमाल यूथ को रिझाने के लिे खूब किया गया। मोबाइल पर प्रचार के साथ-साथ विरोध में प्रचार खूब चला। ये सब सिर्फ इसलिए दिखा कि पार्टियों को मालूम है कि सूबे के म्.म्8 करोड़ वोटर्स में से दो करोड़ वोटर्स की उम्र फ्0 से कम की है। यानी हर थर्ड वोटर्स यूथ है। जिन पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं उनमें यूथ के लिए किए वायदे बताते हैं कि ये वोटर्स कोई गुल खिला सकते हैं इसलिए इन्हें छिटकने नहीं देना है। चाहे वह कॉलजों में वाई-फाई का वायदा हो या बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा। आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात हो या निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत ये सब यूथ को नजर में रखकर ही किए जा रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी का भाषण हो या सीएम नीतीश कुमार का सब यूथ और महिला की चर्चा सबसे ज्यादा कर रहे हैं।