- पांचवें चरण के मतदान वाले दिन सील रहेगी अंतरराष्ट्रीय सीमा

PATNA: नेपाल में मधेसियों के आंदोलन के बाद वहां के बिगड़े हालात का असर बिहार के इलेक्शन पर न पड़े इसे देखते हुए तगड़ी तैयारी प्रशासन द्वारा की गई है। सीमावर्ती इलाकों में एसएसबी की क्फ् एडिशनल कंपनियों की तैनाती की गई है। होम मिनिस्ट्री के बॉर्डर मैनेजमेंट डिवीजन के ऑफिसर्स हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

सीमा से सटे हैं सात जिले

भारत और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से बिहार के कुल सात जिले लगे हैं। इनमें सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और अररिया शामिल हैं। इनमें तीन जिलों में वोटिंग चौथे चरण में हो गया है, जबकि चार जिले मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और अररिया में पांचवे चरण में यानी आज वोटिंग हो रही है। नेपाल बॉर्डर से सटे हुए है। इन इलाकों में मधेसी आंदोलन की आग लग सकती है। ऐसे में पुख्ता व्यवस्था की गई है। खुफिया एजेंसियों ने इसका असर पांचवें चरण के मतदान पर भी पड़ने की आशंका जताई है। इन रिपोर्टस की मानें तो सबसे अधिक खतरा भारतीय सीमा क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द को हो सकता है।

लगातार जानकारी दी जा रही

बिहार सरकार का गृह विभाग भी नेपाल की हालात पर अपनी नजर बनाए हुए है और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पल-पल की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। गृह विभाग के एक ऑफिसर ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय व खुली सीमा को सील कर दिया गया है। वोटिंग के ख्ब् घंटे पहले इसे पार करने की इजाजत किसी को नहीं होगी।

गिरफ्तारी के डर से इधर आने की आशंका

गिरफ्तारी के डर से नेपाल भागकर भारतीय सीमा क्षेत्र में रह रहे मधेसियों के इधर आने की आशंकाओं पर खास नजर रखी जा रही है। सीमा पर मधेसियों की नाकेबंदी से भारत से निर्यात होने वाली रोजमर्रा की वस्तुओं का वहां संकट बन गया है। जबकि सीमा पर बसे गांवों की स्थिति यह है कि वहां रहने वाले हजारों लोग ऐसे हैं जिनका व्यवसाय नेपाल में है और वे भारतीय सीमा क्षेत्र के निवासी और मतदाता भी हैं।