PATNA:साल ख्0क्भ् का बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरे देशवासियों की नजर है। इससे पूर्व हुए चुनाव से बिल्कुल अलग है। आपत्तिजनक बयान को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर ज्यादातर राजनेताओं की छीछालेदर हुई। राजनीति के मैदान में खूब धींगामुश्ती करने वाले अचानक दोस्त बन गए। और ताउम्र दोस्ती का दम भरने वाले दुश्मन बन गए।

बिहार में पाकिस्तान

कभी लगा हिन्दुस्तान-पाकिस्तान का जुबानी जंग, तो कभी अगड़े-पिछड़े का महासंग्राम हो रहा है। जाति खोज-खोज कर उम्मीदवार उतारने की पुरानी परंपरा रही है। मगर, इस बार तो सभी पार्टी ने सीमा लांघने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यादव-मुस्लिम यानी माय समीकरण एक बार फिर मुखर हो गया। राजनीति में सुचिता की बात करने वाले नीतीश कुमार ने चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू को सीने से लगा लिया। इसके पीछे उन्होंने तर्क ये दिया कि बीजेपी अच्छी है, आडवाणी अच्छे हैं, मगर नरेन्द्र मोदी सांप्रदायिक हैं। लालू प्रसाद के पास विकल्प नहीं था और लालू ने कहा कि वे आकर गोड़ पर गिर गए तो क्या करता? इधर जातीय वोट बैंक बनाने के चक्कर में बीजेपी ने जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा, रामविलास पासवान को गले लगा लिया। यही नहीं, ज्ञानू और नीतीश मिश्रा जैसे बागियों को तरजीह दी। अलबत्ता ये कि जिस साबिर अली पर संगीन आरोप लगने के बाद बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था, उन्हें भी रणनीति के तहत फिर से पार्टी में वापस ले लिया। दिलमणी देवी टिकट कटने पर जेडीयू का दामन थाम लीं। बीजेपी की तेज-तर्रार विधायक ऊषा विद्यार्थी और सुखदा पांडेय टिकट कटने पर विद्रोह करने की बजाय चुप्पी साध लेने में अपनी भलाई समझीं। एक यादव की नृशंस हत्या पर पप्पू यादव और लालू यादव ने हो-हल्ला किया तो नीतीश कुमार ने आनन-फानन में जेडीयू के बाहुबली एमएलए को जेल का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इससे पहले एमएलसी चुनाव में रीतलाल यादव को विधान परिषद् भेजने में किसकी कैसी भूमिका रही जगजाहिर है। चुनाव के दरम्यान बिहार सरकार के काबीना मंत्री घूस लेते धरे गए। अवधेश कुशवाहा का मंत्री पद तो गया ही जेडीयू ने उम्मीदवारी भी खत्म कर दी। सत्ता पक्ष के एक अन्य विधायक सत्यदेव कुशवाहा भी स्टिंग ऑपरेशन में रुपए लेते धरे गए। इससे जेडीयू की खूब फजीहत हुई।

तांत्रिक बाबा ने क्या कहा कान में

केन्द्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश को तांत्रिक से कान में मंत्र लेने वाला वीडियो जारी किया तो सीएम नीतीश कुमार की वह छवि याद आयी जब उन्होंने तारेगना में सूर्यग्रहण के दौरान बिस्कुट खाकर मैसेज दिया था कि मनगढ़ंत बातों के पीछे लोगों को नहीं भागना चाहिए। इसके बाद पीएम मोदी भी उन्हें लोकतांत्रिक नीतीश बाबू कहकर संबोधित करने लगे। जवाब में जेडीयू ने नरेन्द्र मोदी कोआशाराम बापू, जैन मुनि आदि से आशीर्वाद लेते फोटो जारी कर करारा जवाब दिया। उमाभारती का पुराना वीडियो जारी किया गया, जिसमें नरेंद्र मोदी को भला-बुरा कहते दिखाया गया। यू ट्यूब पर जारी जेडीयू के विधायक अभय कुशवाहा का पोल गांस खूब पोपुलर हुआ ।

बयान दिया, पंखा गिरा और दुर्गा मैया ने बचाया

लालू अपने पुराने अंदाज में दिखे। हास्यपरक बयानों से वे खूब चर्चा में रहे। शायद ही कोई घटना हुई हो जिस पर लालू ने बयान नहीं दिया हो। चाहे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का लिफ्ट में फंसना हो या हेमामालिनी का चुनाव प्रचार हो। आरक्षण मसले पर जब लालू ने कहा कि मां का दूध पीया है तो आरक्षण खत्म कर दिखाओ। अगड़े भोथरा गए हैं। लालू के इस बयान की भी खूब चर्चा हुई। अमित शाह को नरभक्षी कहा। कुल मिलाकर राजनीति की मर्यादा तोड़ने में सबसे आगे निकले लालू प्रसाद। वे मंच पर भी अलर्ट रहे। जैसे ही लालू ने कहा कि पंखा गिरेगा उसको हटाओ। कुछ ही देर में सीलिंग फैन गिर पड़ा। हाथ में चोट लगी। लालू ने कहा दुर्गा मैया ने हमको बचा लिया। बीफ वाले बयान वे फंसे तो कहा उनसे ये सब शैतान ने कहवा दिया। बिना अनुमति की बैठक और भाषण मेंबदजुबानी के 78 मामले सामने आए। लालू के लिए बीफ वाला बयान उतना ही घातक रहा जितना मोहन भागवत का आरक्षण पर दिया बयान।

खूब लगे रुपए के लेन-देने के आरोप

कमोबेश सभी पार्टियों पर रुपए लेकर टिकट नहीं देने के मामले भी सामने आए। रालोसपा के प्रेस कांफ्रेस के दरम्यान ही बवाल हो गया। एनसीपी में एक उम्मीदवार को रुपए लेकर बैठने की नसीहत नही मानने पर पीटने का मामला सामने आया। स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह का टिकट कट गया तो उनके समर्थकों ने जेडीयू ऑफिस के बाहर खूब नारेबाजी की। टिकट काटने को लेकर बीजेपी में भी बवाल हुआ। चुनाव आयोग ने क्9 करोड़ 90 लाख 8 हजार भ्भ् रुपए जब्त किए। नेपाली मुद्रा 70 लाख ब्0 हजार ख्90 रुपए पकड़ाए। विदेशी मुद््रा फ्9 लाख पकड़ाए। 87 हजार 98क् लीटर शराब बरामद हुआ। इसकी कीमत क्ख् करोड़ आंकी गई है। लगभग ब्म्.ख्ख् लाख रुपए गांजा और हेरोइन पकड़े गए।

बिहारी बाबू रह गए, हेमा घूमती रहीं

बीजेपी के स्टार प्रचारकों में बिहारी बाबू का नाम शामिल था, लेकिन उन्हें मंच मिला। तमतमाए शत्रुघ्न सिन्हा नीतीश कुमार से मिलने चले गए। बीजेपी को नसीहत भी दे डाली। दूसरी तरफ राज बब्बर, नगमा, हेमामालिनी ने अपनी-अपनी पार्टी के लिए रोड शो किया। राजनीतिक पार्टियों से ताल्लुक नहीं रखने वाले अजय देवगन भी चुनाव प्रचार अभियान में कूद गए। उन्हें देखने के लिए उमड़ी भीड़ पर काबू पाने में पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी।

वोटिंग परसेंटेज खूब बढ़ा

इस बार वोटिंग परसेंटेज में इजाफा देखने को मिला। रिकॉर्ड भ्म्.80 फीसदी मतदान हुआ। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भ्भ्.फ्8 परसेंट वोटिंग हुआ था। ख्0क्0 के विधान सभा चुनाव में वोटिंग परसेंटेज भ्ख्.म्भ् था। जबकि ख्00भ् में ब्भ्.8भ् परसेंट था। महिला मतदाताओं का उत्साह भी चरम पर रहा। म्0.भ्7 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले। आयोग की पहल पर सबकुछ संभव हो पाया। भयमुक्त होकर महिलाओं ने वोट किया। एक निजी चैनल ने जब जहानाबाद के घोसी से ऑपरेशन भूमिहार नाम से खबरें प्रसारित की। हालांकि बिहार समेत देश भर में इसकी भ‌र्त्सना हुई.इसके खिलाफ फेसबुक से लेकर वाट्सएप पर अभियान चला।

स्वाभिमान रैली का मुद्दा गौण, बयान मुद्दा मुखर

चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में स्वाभिमान रैली की थी। इसमें लालू अपने कुनबे के साथ मंच पर दिखे। लेकिन चुनाव नजदीक आते ही मुद्दा गौण हो गया। नरेन्द्र मोदी ने जब बिहार को पैकेज देने की घोषणा की तो नीतीश कुमार ने सवाल उठाए। जेडीयू, बीजेपी और हम पार्टी ने घोषणा पत्र जारी कर वादों की झड़ी लगा दी। वर्ष ख्00भ् में जेडीयू द्वारा जारी घोषणा पत्र में पांच साल में बिहार के सभी घरों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का वादा किया गया था। मगर दस साल बाद यानी ख्0क्भ् में भी घोषणा पर अमल नहीं किया गया। इस चुनाव में नेताओं के खूब उड़न खटोले उड़े। ख्7 हेलीकॉप्टरों के जरिए बिहार व देश के शीर्षस्थ नेताओं ने बिहार के कई इलाकों की यात्राएं कीं। चुनाव आयोग ने ड्रोन का इस्तेमाल किया।

बड़े बोल से बचें पीएम

लालू ने विरोधियो को भालू से फुंकवाने की बात कह क्90 सीटें पाने का दावा किया था। नरेन्द्र मोदी के बयानों पर भी खूब सवाल उठे। लोगों का कहना था कि पीएम को बड़े बोल से बचना चाहिए।