-छठ से पहले विधायकों के साथ होगी बैठक

-सभी से बात करने के बाद ही होगा शपथ ग्रहण

PATNA: चुनाव आयोग ने चुनाव परिणाम की रिपोर्ट राज्यपाल रामनाथ कोविंद को मंगलवार को सौंप दिया है, जिसके बाद अब उम्मीद जतायी जा रही है कि नीतीश कुमार ख्0 नवंबर को शपथ ग्रहण कर सकते हैं। गांधी मैदान में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश अपने फ्म् नये मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण कर सकते हैं। उधर महागठबंधन के घटक दलों से जीतकर आए विधायकों को दीपावली के बाद पटना में बुलाया गया है। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में विधायकों की बैठक की जायेगी, जिसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

गांधी मैदान में बनेगा भव्य स्टेज

शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन के लिए बकायदा नक्शा भी तैयार किया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को खुद पटना कमिश्नर ने गांधी मैदान का निरीक्षण किया और शपथ ग्रहण समारोह के लिए बड़े मंच बनाने का निर्णय लिया है। कमिश्नर ने कहा कि इस शपथ ग्रहण समारोह में कई अतिथियों के आने की संभावना है साथ ही सारे विधायक मौजूद रहेंगे, प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे इसे लेकर पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्था की जा रही है। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे, जिसे लेकर अभी से ही प्लानिंग बनाया जा रहा है।

सोनियां गांधी की भी आने की उम्मीद

समारोह में कई दिग्गजों के आने की उम्मीद जतायी जा रही है। इसे लेकर भी जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है और लगातार सुरक्षा के दृष्टिकोण से हर वो कार्य किये जा रहे हैं जिससे कोई कमी ना रह जाये। उम्मीद जतायी जा रही है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, देवगोड़ा, नवीन पटनायक, ममता बेनर्जी, सीपी जोशी सहित अन्य बड़े नेता आ सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि विरोधी पार्टी के नीतीश प्रेमी भी आ सकते हैं।

कार्यकाल ख्9 नवंबर तक

पुरानी सरकार का कार्यकाल ख्9 नवंबर तक है, जिसे देखते हुये महागठबंधन ने फैसला किया है कि छठ के बाद ही शपथ ग्रहण किया जायेगा। इससे पहले कई चीजों को देखना पड़ेगा ताकि कोई भी घटक दल के विधायक नाराज ना हो और काम सही तरीके से हो सके।

नीतीश के सामने होगा चैलेंज

नीतीश के सामने यह चैलेंज भी होगा कि आखिर वो सभी विधायकों को किस तरह से टेकल करते हैं ताकि अंदरूनी विरोध का सामना ना करना पड़े। यह भी एक वजह है कि छठ से पहले ही सभी विधायकों के साथ नीतीश ने अकेले में बैठक करने का निर्णय लिया है। इस टारगेट के तहत काम होना है कि नये मंत्रिमंडल का गठन छठ के पहले कर लिया जाए।