- नीतीश कुमार ने केन्द्र को लिया निशाने पर

- भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को काला अध्यादेश और किसान विरोधी बताया

PATNA : क्ब्वें वित्त आयोग की अनुशंसा के कारण राज्य को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपायी होनी चाहिए। ये कहा सीएम नीतीश कुमार ने। वे जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

सभी दलों की बैठक बुलाएंगे

सीएम ने कहा कि क्फ् वें वित्त आयोग से बिहार को क्0.9 परसेंट की राशि मिलती थी जो क्ब् वें वित्त आयोग से 9.म् परसेंट हो जाएगी। पांच सालों में बिहार को पचास से साठ हजार करोड़ का घाटा होगा। क्ब्वें वित्त आयोग के अनुशंसा से वित्तीय वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् का तुलना में वित्तीय वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में पंद्रह हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने वाला है। वित्तीय वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् में बिहार को फ्म्,9म्फ् करोड़ रुपए मिले जबकि ख्0क्भ्-क्म् में भ्0,7ब्7 करोड़ रुपए मिलेंगे। केवल फ्7.फ् परसेंट की वृद्धि की गई जबकि बिहार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ख्क्,म्भ्0 करोड़ रुपए मिलते थे जो वर्ष ख्0क्भ्-क्म् में क्8,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। इसी तरह मध्याह्न भोजन के तहत क्फ्भ्00 करोड़ रुपए के स्थान पर फ्ख्ख्भ् करोड़ रुपए मिलेंगे। कहा कि क्ब् वें वित्त आयोग से बिहार को महज फ्7.फ् परसेंट की वृद्धि होगी जबकि गुजरात को भ्7.7 परसेंट। बिहार को मिलने वाली वृद्धि अन्य राज्यों के हिसाब से तीन न्यूनतम राज्यों में से एक है। कहा कि बिहार के हित के लिए हम सभी दलों की बैठक बुलाकर वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे।

कानून का उल्लंघन

इस दौरान नीतीश ने कहा कि फाइनांस मिनिटस्त्र से मुलाकात कर बताया था कि बीआरजीएफ को खत्म कर दिया गया है। इसे खत्म करना कानून का उल्लंघन है। बिहार पुनर्गठन विधेयक के कारण बिहार को विशेष सहायता मिल रही थी। अगर बिहार को साथ अन्याय होगा तो हमलोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को काला अध्यादेश कहा जा सकता है। काला धन के मामले में सभी परिवार को पंद्रह से बीस लाख रुपए देने की बात कही थी। वेतनभोगियों को भी काले धन के पांच से दस प्रतिशत हिस्सा दने की बात की थी।