जिसमें रहेगा दम, वही तो मारेगा बाजी
गल्र्स टीम पहले दिन पंजाब से हारी, तो बुधवार को छत्तीसगढ़ से हार गई। यह हाल गल्र्स और ब्वॉयज दोनों टीमों के साथ है। जब हमने विनर टीम के बेस्ट प्लेयर्स व कोच से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने हमसे बिहार टीम की कई कमियां गिनाईं।

अब तक अर्जुन अवार्ड क्यों नहीं मिला?
बिहार के प्लेयर्स में एक्सपीरियंस की कमी है, शायद इसलिए अब तक किसी भी प्लेयर को अर्जुन अवार्ड नहीं मिला है। पहले दिन से ही बिहार टीम दोनों ही वर्गों में लगातार हार रही है। अर्जुन अवार्डी राकेश कुमार ने बताया कि जिस तरह से यहां की गर्वनमेंट इतना अच्छा आयोजन करवा रही है, उसे यहां के प्लेयर्स पर भी ध्यान देना होगा। वहीं, कर्नाटक  टीम के कोच बीसी रमेश का कहना है कि यहां के प्लेयर्स का सलेक्शन गलत तरीके से किया गया है, क्योंकि प्लेयर्स में न तो अच्छी बॉडी है और न ही हाईट। ऐसे भी कबड्डी के लिए अच्छी हाईट बहुत जरूरी है। यहां के प्लेयर्स में फिटनेस की भी बहुत कमी है।

टीम की हौसालाफजाई जरूरी
इंडियन रेलवे टीम की मैनेजर जुमू सान्यवाल की मानें, तो बिहार कबड्डी की टीम अपने कोच की वजह से कमजोर है। यहां के कोच न तो प्लेयर्स पर ध्यान दे रहे हैं और न ही खेल के दौरान उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि शुरू से ही बिहार की टीम हार रही है। टीम को अगर नंबर वन बनाना है तो जिम्मेवार लोगों को चाहिए कि वे कोच बदल कर नए कोच लाएं, जिससे यहां की टीम को सही डायरेक्शन मिलेगा।

रेलवे टीम मारेगी बाजी
पाटलिपुत्रा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में चल रहे जननायक कर्परी ठाकुर 61वीं नेशनल कबड्डी में स्टार्टिंग से ही इंडियन रेलवे का प्रर्दशन अच्छा रहा है। हमने जब टीम की खासियत के बारे में पूछा, तो पता चला कि टीम के कोच रणधीर सिंह सहित कई प्लेयर्स को अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। रेलवे में ममता पुजारी, तेजस्विनी बाई, राकेश कुमार आदि ऐसे प्लेयर्स हैं, जिनके आगे कोई दूसरा ठहर नहीं सकता। इसी कारण गुरुवार के एक मैच में रेलवे ने बिहार को 33-8 से हराया।