PATNA : पटना पुलिस ने एजुकेशनल ठगी का बड़ा खुलासा किया है। टीईटी एग्जाम में नंबर बढ़ाने के नाम पर ठगी करने वाले 7 जालसाजों की गिरफ्तारी कर पुलिस ने कहानी का द एंड कर दिया है लेकिन सवाल तो अब खड़ा होता है। आखिर बिहार बोर्ड का विभीषण का कौन है जो जालसाजों के संपर्क में था। सोमवार को किया गया पुलिस का यह खुलासा अधूरा है और तब तक पूरा नहीं होगा जब तक इस खेल में शामिल बिहार बोर्ड का कनेक्शन उजागर नहीं होता। पुलिस के इस खुलासे की कहानी का अंत करने के लिए बोर्ड ने भी पुलिस टीम को सम्मानित कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा है कि ठगी करने वालों को सटीक जानकारी देने वाला विभीषण कब बे नकाब होगा।

 

- एक नजर में पटना पुलिस का दावा

पटना पुलिस ने सोमवार को बड़े एजुकेशनल ठगी का खुलासा करते हुए 7 जालसाजों की गिरफ्तारी का दावा किया है। पुलिस का दावा है कि टीईटी में नंबर बढ़ाने के नाम पर हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की तर्ज पर स्टूडेंटस व उनके परिजनों को कॉल कर भ्0 हजार से एक लाख रुपए की वसूली की गई है। पुलिस के मुताबिक पटना के शेखपुरा से चल रहे रैकेट ने दर्जनों स्टूडेंटस से ठगी का काम किया है। गिरोह में शामिल सदस्य काफी एक्सपर्ट हैं और सटीक नंबर पर कॉल कर पैसे की डिमांड करते थे। वह स्टूडेंटस के बारे में हर जानकारी रखते थे। पुलिस ने ये कार्रवाई एसएसपी मनु महाराज को मिली शिकायत के आधार पर की है।

 

- गिरफ्तारी के लिए पुलिस को लेना पड़ा लोहा

पटना एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि शातिर ठगों को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट की एक टीम बनानी पड़ी और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से जांच टीम ने शेखपुरा के रहिचा गांव पहुंची से दो संदिग्ध लोगों को पकड़ा फिर पूछताछ के बाद पांच अन्य शातिर गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस का दावा है कि ठगों के ठिकाने से बिहार बोर्ड का फर्जी कागजात, क्भ् मोबाइल, प्रिंटर और दूसरे सामान जब्त किए हैं।

 

 

- ये है जालसाजी के मास्टर

क्। नीतीश कुमार,

ख्। इंद्रदेव प्रसाद ,

फ्। टूसी कुमार,

ब्। कारू पासवान,

भ्। रंजन कुमार चौधरी,

म्। धनराज

7. वासुदेव चौधरी

 

- साहब इन सवालों का कौन देगा जवाब

क्। जालसाजों के पास कहां से आती थी स्टूडेंटस से संबंधित पूरी डिटेल?

ख्। जालसाजों को कैसे पता था कि कौन है टीईटी का कंडीडेट और किसे है नंबर बढ़ाने की जरुरत?

फ्। जालसाजों को ये कैसे पता था कि स्टूडेंटस के अभिभावक का नाम क्या है?

ब्। स्टूडेंटस और परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी कहां से जालसाजों के पास आती थी?

भ्। आखिर कैसे जालसाज सटीक नंबर पर फोन कर पैसे की डिमांड करते थे?

म्। बिहार बोर्ड की कौन सी कड़ी आखिर इस खेल में था शामिल?

7. क्या बिहार बोर्ड का परीक्षा से संबंधित डाटा था जालसाजी के लिए सार्वजनिक?

8. अगर बिहार बोर्ड का कोई रोल नहीं था तो उस कड़ी का नाम सामने क्यों नहीं आया जो जानकारी का श्रोत था?

9. पुलिस ने क्यों नहीं बताया कि किसके जरिए जालसाजों को मिलता था स्टूडेंटस का व्यक्तिगत डिटेल?

क्0. पुलिस के खुलासे के बाद बिहार बोर्ड ने क्यों नहीं शुरू किया विभीषण को खोजने का काम? सम्मान देकर क्यों कर दिया केस का अंत?

 

 

टीईटी में नंबर बढ़ाने के नाम पर जालसाजी का बड़ा खेल चल रहा था। नंबर बढ़ाने के नाम पर भ्0 हजार से एक लाख रुपए तक की डिमांड होती थी। जालसाजों की गिरफ्तारी में पूरी कहानी सामने आ गई है।

- मनु महाराज, एसएसपी पटना