- झारखंड के बोकारो में बैठा है गिरोह का सरगना

- खुद को बताते हैं बिहार बोर्ड की बड़ी कड़ी

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PATNA : इंटर आ‌र्ट्स टॉपर में बड़े फर्जीवाड़े के बाद अब मैट्रिक में टॉपर बनाने का श्रीगणेश हो गया है। खुद को बिहार बोर्ड की बड़ी कड़ी बताने वाला एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो स्टूडेंट्स को न सिर्फ पास कराने का बल्कि टॉप कराने तक का दावा कर रहा है। बिहार बोर्ड के कई स्टूडेंट्स ने तो गुपचुप तरीके से पैसा भी दे दिया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गिरोह का सच उजागर करने के लिए बड़ा स्टिंग ऑपरेशन किया जिसमें पूरा गैंग सामने आया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पहली बार बताने जा रहा है टॉपर बनाने के फर्जीवाड़े का बड़ा सच।

स्टूडेंट्स का हैक कर लिया डाटा

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में टॉप कराने का दावा करने वाला गिरोह काफी हाईटेक और सेटिंग वाला है। वह जिस तरह से काम कर रहा है इससे एक बात साफ है कि उसकी पकड़ बोर्ड में कहीं न कहीं से बहुत तगड़ी है। वह बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेट्स का पूरा डाटा ही हैक कर लिया है। डाटा हैक करने के बाद स्टूडेंट्स को फोन कर बेहतर अंक दिलाने के साथ स्कूल, जिला और अन्य एरिया में टॉप कराने का दावा कर रहा है।

गिरोह के पास है स्टूडेंट्स की पूरी जानकारी

गिरोह के पास स्टूडेंट्स की पूरी जानकारी है। स्टूडेंट्स को फोन कर रोल नंबर, पिता के नाम और एड्रेस के साथ कई ऐसी जानकारी दे रहे हैं जिससे स्टूडेंट्स को भी विश्वास हो जा रहा है। सवाल ये है कि बिहार बोर्ड से जुड़ा पूरा डाटा कहां से गिरोह के पास आया। वह स्कूल से कनेक्ट है या बिहार बोर्ड में उनकी पहुंच है इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो सकेगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि गिरोह की पकड़ काफी तगड़ी है।

ऐसे हुआ पड़ताल का श्रीगणेश

दैनिक जागण आई नेक्स्ट को जब गिरोह के बारे में जानकारी मिली तो रिपोर्टर पड़ताल में लग गया। गिरोह के सरगना अजय सिंह का नंबर मिला जो झारखंड के बोकारो से बिहार में फर्जीवाडे़ का नेटवर्क चला रहा है। रिपोर्टर ने मैट्रिक स्टूडेंट बनकर अजय सिंह से पूरी जानकारी उगलवा ली। स्टिंग में रिपोर्टर से हुई बातचीत में अजय ने कई राज खोला है जो आपके सामने है।

रिपोर्टर - आपका नंबर छोटे सुमित भाई से मिला है उससे बिहार बोर्ड के बारे में कोई बात हुई थी क्या?

अजय - एक मिनटपिता का नाम बताइएहां-हां, बात तो हुई है उन्हें 7भ् मा‌र्क्स से अधिक दिलाना है।

रिपोर्टर - भाई ने बताया कि मैं बात कर लूं, उसके बाद आपसे काम करा लिया जाए?

अजय - हां-हां कोई नहीं, आप निश्चिंत हो जाइए तब पैसा दीजिए।

रिपोर्टर - लेकिन अभी तो इंटर टॉपर को लेकर बड़ा बवाल चल रहा है कहीं कोई गड़बड़ न हो?

अजय - कोई गड़बड़ी नहीं होगी जी, आपका भाई मैट्रिक में अपेयर हुआ है तो नंबर अच्छा है तो उसकी योग्यता है।

रिपोर्टर - सुनते हैं कि बोर्ड के अध्यक्ष ईमानदार हैं, ऐसे में कैसे काम होगा?

अजय - अरे भाई अध्यक्ष हर काम नहीं न करते हैं, इसके लिए अपना सिस्टम चलता है न।

रिपोर्टर - अच्छा, आप वहीं तैनात हैं?

अजय - तैनात नहीं हम और हमारे आदमी ही फाइनल नंबर चढ़ाने का काम करते हैं।

रिपोर्टर - कितना पैसा लगेगा?

अजय - प्रतिशत के हिसाब से अलग-अलग रेट है, आपको 7भ् परसेंट नंबर चाहिए तो कम से कम पांच हजार रुपए देना होगा।

रिपोर्टर - अरे आप तो बहुत ज्यादा बता दिए, कुछ कम करिए और करा दीजिए मेरा काम?

अजय - नहीं उससे कम में नहीं हो पाएगा। आपको कराना हो तो आज क्ख् बजे तक पैसा दीजिए नहीं तो छोडि़ए।

रिपोर्टर - कॉपी चेक हो गई है और रिजल्ट भी आने वाला है ऐसे में कैसे काम होगा?

अजय - भाई सब मेरी जिम्मेदारी है, जब तक मेरी टीम नंबर चढ़ाकर फाइनल नहीं करती कैसे रिजल्ट आएगा।

रिपोर्टर - आपकी टीम है क्या बिहार बोर्ड में?

अजय - हां, टीम के लिए ही तो पैसा अधिक मांग रहा हूं, इसमें कई लोग हैं जो अपने स्तर से काम करेंगे।

रिपोर्टर - चलिए पक्का है लेकिन टॉप कराने पर कोई रिस्क?

अजय- मेरी बात मानों तो टॉपर से थोड़ा नीचे ही रहो, वर्ना रिस्क आपकी, मैं तो सब कुछ करा दूंगा

पैसा के लिए दिया ये अकाउंट नंबर

रिपोर्टर ने जब बातचीत कर स्टूडेंट के रूप में विश्वास जमा लिया कि कैंडिडेट सही है और नंबर बढ़ाना चाहता है। तब अजय ने अपना अकाउंट नंबर दिया जो एसबीआई शाखा की है। ये शाखा झारखंड बोकारो में है। अकाउंट अजय सिंह के नाम से है।

ज्यादा दिमाग लगाओगे तो फेल हो जाओगे

इसी तरह सोशल मीडिया पर एक अन्य ऑडियो वायरल है। जिसमें स्टूडेंट और बिहार बोर्ड के कथित अफसर के बीच बातचीत होने की बात कही गई है। स्टूडेंट से पूछा जाता है कि मैथ में कितना बनाया है। स्टूडेंट कहता है 7ख् नंबर। कथित अफसर कुछ देर रुकने के बाद कहता है मैथ में कम नंबर मिला है पैसा देने पर काम हो जाएगा। इतना ही नहीं रुपए जमा करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर भी बताता है। आप भी जानिए

कथित अफसर - तुम्हारा नंबर काफी कम है?

स्टूडेंट - आप कौन बोल रहे हैं?

कथित अफसर - मैं बिहार बोर्ड से बोल रहा हूं तुम्हारा नंबर बहुत कम है।

स्टूडेंट - किस सब्जेक्ट में नंबर कम है सर?

कथित अफसर - मैथ में तुम्हारा ख्ब् नंबर है।

स्टूडेंट - कितना खर्चा लगेगा सर, नंबर बढ़ाने का?

कथित अफसर - सब में अच्छा है मैथ में गड़बड़ है, म् नंबर से फोल हो जाओगे।

स्टूडेंट - मिल कर दे दें पैसा?

कथित अफसर - मिलना नहीं है तुम मेरा अकाउंट नंबर लो और भ् हजार रुपए डालो, सब काम हो जाएगा।

स्टूडेंट - मेरे कॉपी का फोटो व्हाटसअप कर सकते हैं क्या?

कथित अफसर - तुम जानते नहीं हो बोर्ड में कितना लफड़ा हो गया है जिससे कड़ाई अधिक है। बस पैसा दो काम कराओ बहुत दिमाग लगाओगे तो फेल हो जाओगे, मेरे टेबल से मामला आगे गया तो कोई नहीं बढ़ा पाएगा नंबर।