अवेयरनेस की भारी कमी

दो सालों से विवाद में रहने व बंद होने के बाद एक बार फिर से सिक्योरिटी नंबर लगाने के लिए एजेंसी ने काम शुरू किया है। हालांकि अवेयरनेस की कमी और ऑफिस शहर से दूर होने की वजह से टू व्हीलर और फोर व्हीलर वालों को वहां तक पहुंचने में प्रॉब्लम आ रही है। लिहाजा सिक्योरिटी नंबर लगाने का मामला इस बार भी अधर में अटका हुआ है। डीटीओ दिनेश कुमार ने बताया कि अभी फेस्टिवल पीरियड होने की वजह से लोग नहीं लगवा पा रहे हैं। उम्मीद है कि छठ के बाद यह जोर पकड़ेगा और सिक्योरिटी नंबर लगने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

25 परसेंट भी नहीं लग पाया है

डेली हजारों गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन होना है, पर सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तादाद इतनी कम है कि पुरानी तो दूर नयी में भी नहीं लग पाता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हर स्टेट में यह प्रक्रिया जोर-शोर से शुरू की गई थी। इसके बाद भी पटना में लापरवाही का आलम ऐसा है कि यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद अचानक महीनों बंद रह गयी थी। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि डिपार्टमेंट पैसा नहीं दे रहा है, जबकि डिपार्टमेंट ने बैकलॉग पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था।

ताकि गाडिय़ों की पहचान न बदले

दरअसल, हाई सिक्योरिटी नंबर लगाने का मकसद है कि गाडिय़ों की चोरी के बाद उसके नंबर के साथ खिलवाड़ न हो पाए, पर जिस रफ्तार से यह काम हो रहा है उससे तो यही लगता है कि फिलहाल यह मिशन पूरा होने से रहा।  

Centre

अनिसाबाद मोड़ के समीप

बाईपास के पास

गोला रोड के समीप

Charge

टू व्हीलर - 131 रुपए

थ्री व्हीलर - 162 रुपए

लाइट मोटर व्हीकल - 335 रुपए

मीडियम-हैवी-मोटर -310 रुपए

एग्रीकल्चर ट्रेक्टर - 140 रुपए