-केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 15 गांवों में सीएससी का किया शुभारंभ

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क्कन्ञ्जहृन्: कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) देश में बड़े बदलाव का प्लेटफॉर्म बनेगा। वह समय अब दूर नहीं जब देश के दूसरे गांवों की तरह बिहार का हर गांव, पंचायत कॉमन सर्विस सेंटर से जुड़ जाएगा। यह बातें केंद्रीय संचार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कही। वे रविवार को पटना के निकट पियरिया अलावलपुर में डिजिटल गांव के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने पियरिया अलावलपुर के साथ ही फतुहा ब्लॉक के 15 अन्य गांवों में सीएससी की शुरुआत की। डिप्टी सीएम सुशील मोदी के साथ ही सीएससी के सीईओ डॉ। दिनेश त्यागी के साथ ही पंचायत की मुखिया उपासना सिंह के साथ ही अन्य विशिष्ट व्यक्ति मौजूद रहे।

बिहार में 23 हजार सीएससी

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज देश भर में तीन लाख से अधिक सीएससी काम कर रहे हैं। सिर्फ बिहार में 23 हजार सीएससी हैं। जिन्होंने ग्रामीणों का जीवन सुगम बना दिया है। इसने ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराए हैं। आज गांव-गांव बहू बेटियां सीएससी में सेनेटरी नैपकिन, पत्ता प्लेट से लेकर अन्य प्रकार के काम कर रही हैं।

4 साल में बने 9 करोड़ शौचालय

मंत्री ने मोदी सरकार की उपल?िध गिनाई और कहा आजादी के बाद से 2014 के बीच इस देश में 6.25 करोड़ शौचालय बने। केंद्र की भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ। पांच करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला से गैस कनेक्शन दिए गए। किसानों की एमएसपी भी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है और गांव पहुंचता है सिर्फ 15 पैसा। आज दिल्ली से एक हजार रुपये चलते हैं और गांव आते हैं एक हजार रुपये। डिजिटल क्रांति ने बड़े बदलाव किए हैं। मोदी सरकार में अंगूठा मजबूत हुआ है। अंगूठा लाओ पेमेंट ले जाओ।

15 गांवों को बनाया डिजिटल

मंत्री इस दौरान क्षेत्र में कप्यूटर लर्निग सेंटर खोलने, सीएससी को सोलर लाइट से जोड़ने और अलावलपुर में सांसद निधि से सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा भी की। इसी क्रम में उन्होंने कहा, आज 15 गांवों को डिजिटल गांव बनाया गया है, जल्द ही फतुहा और बतिख्यारपुर मिलाकर 14 नए गांवों को डिजिटल गांव बनाया जाएगा।

हर घर को दो महीने में बिजली

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह आइटी मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के हर घर को दो महीने में बिजली उपल?ध करा दी जाएगी। मार्च 2019 तक घर और खेती की बिजली अलग-अलग कर दी जाएगी। जिसके बाद किसानों को सिंचाई के लिए डीजल की दरकार नहीं रहेगी। मोदी रविवार को अलावलपुर में डिजिटल गांव के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। अन्य नेताओं ने भी अपनी बातें रखीं।

तय करें बिजली चाहिए या लालटेन

जबकि डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि जनता को तय करना है कि उन्हें बिजली की रोशनी चाहिए या लालटेन की। उन्होंने कहा, आज डिजि गांव का उद्घाटन हुआ है। सीएससी यहां काम करने लगा है। अब तक पांच हजार पंचायतों में फाइबर ऑप्टिकल बिछाया गया है। सभी साढ़े आठ हजार पंचायतों में ओएफसी बिछेगा। जिसके बाद सभी सीएससी को ओएफसी से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक सीएससी को बिजली बिल के लिए पांच सौ और ओएफसी से जुड़ने के लिए तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। दो अक्टूबर को राज्य सरकार सर्विस प्लान फ्रेमवर्क की शुरुआत होगी। जिसके बाद राज्य सरकार की जितनी सेवाएं हैं उन्हें एक ही प्लेटफार्म से जोड़ दिया जाएगा। लोक सेवाओं को भी इससे जोड़ा जाएगा।

वाजपेयी को था बिहार से लगाव

सिंचाई भवन स्थित अधिवेशन भवन में बिहार प्रदेश भाजपा की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 'काव्यांजलि' कार्यक्रम हुआ। श्रद्धांजलि देते हुए डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि वाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। 2008 के बाद अस्वस्थता की वजह से वे लोकदृष्टि से ओझल रहे, किसी ने अटल जी की आवाज नहीं सुनी, मगर उनकी शव यात्रा में लाखों लोगों की उमड़ी भीड़ उनकी असीम लोकप्रियता का परिचायक थी। अटल का बिहार से गहरा लगाव था।