'हम तो 21 घंटे बिजली देते हैं'

सीएम अखिलेश यादव ने पिछले दिनों निर्देश दिया था कि हर हाल में बिजली चोरी रोकी जाए। मगर बरेली डिस्ट्रिक्ट के बिजली अधिकारी अब तक हाथ पर हाथ धर कर बैठे हैं। यह हाल तब है जब बिजली विभाग के रिकॉर्ड इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बरेली अर्बन में हर महीने 43 परसेंट बिजली लॉस हो जाती है। सोचने वाली बात यह है कि बिजली चोरी होने का पता होने के बावजूद विभाग द्वारा एक्शन के नाम पर कुछ नहीं हो पाता है। एक और हकीकत यह है कि बरेली अर्बन में जितनी बिजली डेली सप्लाई हो रही है, उसके बाद भी कई मेगावाट बिजली की आवश्यकता है। इसके बावजूद विभाग द्वारा लोगों को भरपूर बिजली देने का दावा किया जा रहा है।

विभाग का दावा 21 घंटे का

अधिकारियों के अनुसार बरेली अर्बन में डेली 21 घंटे 18 मिनट बिजली की सप्लाई हो रही है। हकीकत क्या है यह किसी से छिपी नहीं है। बमुश्किल लोगों को 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है। वह भी कई शिफ्ट में। अगर अधिकारियों के दावे को मानें तो 21 घंटे सप्लाई होने वाली बिजली कहां गायब हो जा रही है? क्यों लोगों के पास इतनी बिजली नहीं पहुंच पा रही है?

43 परसेंट लाइन लॉस

बिजली विभाग के मंथली रिकार्ड पर गौर किया जाए तो बरेली अर्बन में सप्लाई होने वाली बिजली का करीब 43 परसेेंट हिस्सा चोरी में चला जाता है। वहीं दूसरी ओर लोगों को भरपूर बिजली मिल सके इसके लिए अभी 20 एमवीएम की और जरूरत है। ऐसे में विभाग किस आधार पर लोगों को 21 घंटे बिजली देने की बात कह रहा है, इसको आप अच्छी तरह समझ सकते हैं।

बरेली अर्बन में 85 फीडर

बरेली अर्बन को तीन डिवीजन में डिवाइड किया गया है। फस्र्ट, सेकेंड और थर्ड-तीनों डिवीजन में घरेलू और इंडस्ट्रियल मिलाकर टोटल 85 फीडर हैं। एक फीडर की कैपिसिटी दो सौ एम्पियर यानि करीब 3.4 मेगावाट की है, जो बरेलियंस के बीच डेली सप्लाई हो जाती है।

एक मेगावाट में 500 घर

एक मेगावाट में एक हजार किलोवाट बिजली होती है। एक घर में होने वाली बिजली सप्लाई की बात की जाए तो करीब 2 किलोवाट होती है, उस हिसाब से एक मेगावाट में करीब 500 घरों में बिजली सप्लाई हो सकती है।

215 एमवीए की कैपिसिटी

बिजली विभाग के एसी एके गुप्ता के अनुसार बरेली अर्बन में रह रहे लोगों के बीच फिलहाल 215 एमवीए (193.5) मेगावाट बिजली सप्लाई डेली हो रही है। 20 एमवीए (18) मेगावाट बिजली की अभी और आवश्यकता है। जिसे बढ़ाने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है।

अप्रैल महीने मेंं हम लोगों ने 21 घंटे 18 मिनट बिजली डेली सप्लाई की है। बरेली अर्बन में बिजली का 43 परसेंट हिस्सा चोरी हो जाता है। लोगों को भरपूर बिजली मिल सके इसके लिए 20 एमवीए की और आवश्यकता है। जहां तक चोरी रोकने की बात है इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है।

-एके गुप्ता, एसी, बिजली विभाग

बिल दे रहा है झटका

किसी को बिजली का एक सही बिल नहीं मिल पा रहा है तो कोई इतना 'खुशनसीबÓ है कि उसके घर में बिजली विभाग की ओर से दो दो बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। गलत बिजली के बिल आने पर पीडि़त ने जब अधिकारियों की परिक्रमा लगानी शुरू की तो यह परिक्रमा बढ़ती ही चली गई। तमाम तरह से प्रयास करने के बावजूद रिजल्ट तो कुछ नहीं निकला, बल्कि बिजली के बिल बढ़ते गए। बिल हजारों रुपए में पहुंच गए हैं। अब विभाग की कारगुजारी के चलते पीडि़त ने कोर्ट में जाने का मन बना लिया है, ताकि विभागीय लापरवाही के चलते उन्हें आगे कोई बड़ी मुसीबत का सामना न करना पड़े।

 

क्या है मामला?

मोहम्मद कासिफ नैनीताल रोड के रहने वाले हैं। उन्होंने 7 जुलाई 2007 को बिजली विभाग में मीटर कनेक्शन के लिए अप्लाई किया। जिस पर विभाग द्वारा बुक संख्या 5605 तथा सर्विस कनेक्शन संख्या 134933 के अंतर्गत बिजली का कनेक्शन जारी कर दिया गया। कासिफ ने बताया कि यह कनेक्शन लेना किसी जंग जीतने से कम नहीं था। हालांकि शायद उन्हें यह नहीं पता था कि बदकिस्मती उनसे दो कदम आगे चल रही है। कासिफ के घर पहली बार बिजली का बिल आया जो बुक संख्या 5605 के अंतर्गत जारी किया गया था, जिसे उन्होंने जमा कर दिया। इसके कुछ समय बाद उनके पास एक और बिजली का बिल आया जो बुक संख्या 5604 के अंतर्गत जारी किया गया था। गलत बिल को देखकर कासिफ का दिमाग चकरा गया। उन्होंने तत्काल इसकी कंप्लेन विभाग में की। यही से शुरू हो गया उनकी बदकिस्मती का दौर।

हजारों रुपए का बकाया

लगातार हर महीने उनके यहां बुक संख्या 5604 का बिल आता रहा। विभाग के छोटे से लेकर बड़े ऑफिसर्स की परिक्रमा करते करते वो थक गए। उनकी बात कहीं नहीं सुनी गई। हालत ये हो गई है कि बुक संख्या 5604 पर हजारों रुपए का बकाया हो चुका है। अब बिजली विभाग द्वारा कासिफ पर बकाया बिल जमा नहीं करने पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। जबकि कासिफ का कहना है कि जिस बुक नंबर से उनके कनेक्शन दिया गया है उसका बिल वे रेग्युलर जमा कर रहे हैं। जो कनेक्शन उनका है ही नहीं उसका बिल वो क्यों जमा करें। विभाग की कार्यप्रणाली से परेशान होकर कासिफ ने कोर्ट में गुहार लगाने का मन बताया है।

 

अरेस्ट भी हो सकते हैं

एडवोकेट खालिद जीलानी के मुताबिक अगर पीडि़त सही समय पर कार्रवाई न करे तो ऐसे में विभाग डीएम को लेटर लिखकर कार्रवाई की मांग करता है। इसके बाद डीएम उस तहसीलदार को जहां का आरोपी निवासी होता है, वहां मामले को अपनी संस्तुति के साथ कार्रवाई के लिए भेज देता है। इसके बाद तहसीलदार के आदेश पर आरोपी को अरेस्ट करके बकाया चुकाने को कहा जाता है। इसके बाद भी अगर बकाया नहीं चुकता होता है तो कुर्की की कार्रवाई को भी अमल में लाया जा सकता है।

फीडिंग में गलती के चलते ऐसा हो गया होगा। पीडि़त मंडे को सभी कागजों के साथ संबंधित कार्यालय में संपर्क करे उसकी प्रॉब्लम का जल्द से जल्द निराकरण करा दिया जाएगा।

-एलवी सिंह, प्रभारी, विद्युत वितरण खंड फस्र्ट

बिजली कटौती से हम लोग परेशान हो चुके हैं। दोपहर 11 बजे बिजली कटती हैे तो शाम 4 बजे आती है। इसके बाद रात में भी बिजली की आंख मिचौली चलती रहती है। लो वोल्टेज की समस्या भी है।

- अजीम

जब बिजली विभाग खुद दावा कर रहा है कि, 43 परसेंट बिजली लॉस हो जाता है तो उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं करता, जो इस तरह की हरकत कर रहे हैं।

- उबैस

जब तक सभी लोग मिलकर धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे कुछ नहीं हो सकता। सबको सामने आकर डीएम को इस सम्बंध में ज्ञापन देना चाहिए। तब जाकर कुछ हो सकता है।

- राकेश पांडेय

इतने बड़े शहर में बिजली नहीं रहती जबकि छोटे से छोटे शहर में इससे अच्छी बिजली सप्लाई होती है। अगर विभाग दावा कर रहा है कि बिजली लॉस हो रही है तो उस पर एक्शन क्यों नहीं ले रहा है।

- महताब

हर महीने बिजली बिल देने के बावजूद बिजली सही से नहीं मिल रही है। जब विभाग बोल रहा है कि 21 घंटे बिजली सप्लाई कर रहे हैं तो आखिर ये बिजली जा कहां रही है।

- हेमेंद्र

कहीं न कहीं बिजली विभाग की लापरवाही है। जिस वजह से लोगों को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

- आशीष

अधिकारियों से कंप्लेन करो तो कोई एक्शन नहीं लिया जाता है जिस वजह से इस तरह की प्रॉब्लम आती रहती है।

- सुदैब खान