- 2005 से 2017 के बीच बड़ी पॉलिसी के खंगाले जा रहे रिकॉर्ड, टीम को मिले अहम दस्तावेज

- डिविजन ऑफिस से अटैच ब्रांचेज में बीमाधारकों की संख्या है 45 लाख

भारतीय जीवन बीमा निगम डिविजन ऑफिस (भेलूपुर) में शनिवार को भी घोटाले की जांच में विजिलेंस की टीम जुटी रही। डिविजन ऑफिस स्थित कॅरियर एजेंट ब्रांच (सीएबी) के एक-एक दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। आशंका है कि घपले की रकम करोड़ पार जा सकती है। इसमें कई अधिकारी व कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय है। हालांकि अभी विजिलेंस अधिकारियों का फोकस बड़ी राशि वाली पॅालिसी पर है। 2005 से 2017 के दौरान की गई एकल प्रीमियम वाली पॉलिसी के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अब तक के जांच में एकाउंट विभाग का एक अधिकारी के बड़ी एकल प्रीमियम वाली पॉलिसी में काफी दिनों से हेराफेरी करने के मामला सामने आया है। एकाउंट अधिकारी फर्जी नाम से 20 लाख व 50 लाख की एकल प्रीमियम वाली राशि का बीमा करता था, रसीद काटी जाती थी। मगर प्रीमियम की राशि बैंक में जमा नहीं की जाती थी। इसके बाद तीन साल बाद बीमा को सरेंडर कर धन निकाल लिया जाता था। विजिलेंस की टीम इस बिंदु पर जांच में जुटी है। एलआईसी डिविजन ऑफिस से अटैच कुल 44 ब्रांच हैं। इन ब्रांच में बीमाधारकों की संख्या 45 लाख से ज्यादा है।

एकल पॉलिसी पर नजर

भेलूपुर डिविजन ऑफिस में सभी बीमाधारकों का रिकॉर्ड उपलब्ध है। फिलहाल टीम कॅरियर एजेंट ब्रांच से जुड़े एकल प्रीमियम वाली एक-एक पॉलिसी के दस्तावेजों को बारीकी से जांच रही है। सूत्रों का कहना है कि घोटाला बड़ा है। इसमें कई अधिकारी व कर्मचारी घेरे में आ सकते हैं। बता दें कि क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर से लास्ट ईयर नवंबर में ऑडिट टीम भेलूपुर स्थित मंडल कार्यालय पहुंची थी। ऑडिट के दौरान कॅरियर एजेंट ब्रांच में काफी अनियमितता मिली थी। टीम संबंधित दस्तावेज लेकर लौट गई। मगर, पड़ताल के बाद घपला सामने आने पर ऑडिट टीम ने इसकी जानकारी एलआईसी के उच्चाधिकारियों दी। इस पर 11 फरवरी को विजिलेंस की चार सदस्यीय टीम मंडल कार्यालय पहुंची थी। दस्तावेजों की जांच के दौरान काफी गड़बड़ी सामने आई है।

विजिलेंस टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है। घोटाला कितना बड़ा है यह तो जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो सकेगा।

एसजीपी त्रिपाठी

वरिष्ठ मंडल प्रबंधक