सिटी में समस्याएं इतनी है कि उसे गिना पाना मुश्किल है। इन समस्याओं का जिम्मेदार सिस्टम भी कहीं न कहीं है जो समस्याएं निराकरण करने के बजाय उन्हें लटकाये रहता है। उसी समस्याओं में से एक है लाइन में लगकर बिजली बिल जमा करने वालों की। ऑनलाइन व्यवस्थाएं जरूर हुई लेकिन सही तरीके से उसको अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट प्रेजेंट नायसिल गर्मी लगी क्या? कैंपेन के तहत शनिवार को सिटी के तीन अलग-अलग स्पॉट गिलट बाजार, नदेसर और हरिनगर कॉलोनी छित्तूपुर में 'इलेक्ट्रिसिटी बिल सबमिशन क्यू' पर लोगों ने अपनी बात रखी।

गिलट बाजार में जुटे लोग क्वेश्चन उठाते ही अपनी बात रखने के लिए उतावले होने लगे। साहु लल्लन गुप्ता बोले कि बिजली बिल जमा करने जाइये तो सबसे पहले लंबी लाइन लगाइये और जब नंबर आता है तब पता चलता है कि सर्वर डाउन है। इसके बाद फिर से इंतजार करिये। इस सिस्टम में बदलाव होना चाहिए। अनिल बोले कि बिल जमा करने के लिए लंबी लाइन से छुटकारा मिलना चाहिए। सोनू बोले कि यह सिस्टम ही खराब है। जैसे रीडिंग किया जाता है उसी समय बिल भी ले लिया जाये। प्रशांत शास्त्री भी अनिल की बातों से सहमत दिखे। अनिल सोनकर बोले कि बिल जमा करने के लिए ऑनलाइन की व्यवस्था भी हुई है लेकिन उसका बहुत फायदा जनता को नहीं मिलता दिख रहा।

नदेसर में जुटे लोगों ने बिल जमा करने की व्यवस्था में कुछ सुविधाजनक बातों पर चर्चा की। डॉ। रोहित चौबे बोले कि लाइन में लगकर बिजली बिल जमा करने से मुक्ति मिलनी चाहिए। काउंटर पर लाइन लगाए लोगों को धूप, बरसात में मुश्किलें झेलनी पड़ती है। आखिर हम राजस्व में हेल्प ही कर रहे हैं तो फिर सरकार को परेशानियां समझनी चाहिए। मोहन जायसवाल बोले कि इस व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए। बिजली बिल जमा करने के लिए कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए। सिस्टम कुछ ऐसा बन जाए कि लोगों को लंबी लाइन न लगानी पड़े। बिजली बिल जमा करने में बहुत परेशानियां होती हैं। धीरज राय भी बोले कि कस्टमर्स को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए। नौशाद बोले कि किसी भी उपकेंद्र पर चले जाइये, बिजली बिल जमा करने के लिए लोग लाइन में लगे जरूर मिल जाएंगे।

हरि नगर कॉलोनी छित्तुपुर में तो लोगों ने एक स्वर में इस व्यवस्था का विरोध किया। मंगल सिंह बोले कि बिजली बिल जमा करने में परेशानियां तो बहुत है लेकिन उसका समाधान कहां हो पा रहा है? कुछ न कुछ ऐसा सिस्टम बनना चाहिए जिससे लोगों को राहत मिल सके। डॉ। एसएन श्रीवास्तव बोले कि बिजली बिल जमा करने में सब करम हो जाता है। काउंटर पर बैठे कर्मचारियों का काम भी स्लो होता है, जब मर्जी सर्वर डाउन होने का हवाला देकर काउंटर बंद भी कर देते हैं। राज मौर्य बोले कि एक मोबाइल एप ऐसा बन जाए कि उस पर रजिस्टर करते ही बिजली बिल भी सब्मिट हो जाए। अचल कुमार बोले कि ऑनलाइन व्यवस्था के तहत भी पब्लिक को राहत नहीं हुई है। मकरंद श्रीवास्तव व बच्चा बिहारी ने भी व्यवस्था का विरोध किया।

व्यवस्थाएं बेहतर होनी चाहिए उपभोक्ताओं का लाइन में लगकर बिल जमा करने से मुक्ति मिलनी चाहिए। इस सिस्टम पर विचार करने की सख्त जरूरत है।

अनिल सोनकर, गिलट बाजार

बिजली उपकेंद्रों पर बैठे कर्मचारी बिजली बिल जमा करने में हीलाहवाली करते हैं। इन सब व्यवस्थाओं में बदलाव बेहद जरूरी है।

सोनू, गिलट बाजार

ऐसा कोई नहीं है जो बिना लाइन लगाए बिजली का बिल न जमा करता हो। बिल जमा करने की व्यवस्थाएं सुलभ व आसान होनी चाहिए।

डॉ। रोहित चतुर्वेदी, नदेसर

ऑनलाइन व्यवस्था के तहत सुविधाएं तो बढ़ी हैं लेकिन लोगों में अवेयरनेस की कमी भी है। वैसे भी लोग काउंटर पर जाकर बिल जमा करने में ज्यादा विश्वास करते हैं।

डॉ। एसके श्रीवास्तव, हरि नगर कॉलोनी

सिटी में जैसे बिजली की रीडिंग होती है वैसे ही घर पर पहुंचकर बिजली का बिल भी लिया जा सकता है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

मंगल सिंह, हरि नगर कॉलोनी

बिजली बिल जमा करना बेहद आसान है। घर बैठे लोग ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर रहे हैं। यदि किसी को उपकेंद्र पर बिल जमा करने में परेशानियां समझ में आ रही हैं तो सीधे संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

राकेश सिन्हा, जनसंपर्क अधिकारी

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड