-दिल्ली और एनसीआर से पार्सल कर भेजी गई थीं 18 बाइक्स

-अभी तक नहीं पहुंचा कोई छुड़ाने, रेलवे को ढूढ़े नहीं मिले ओनर्स

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रेलवे जंक्शन पर 18 बाइक्स 17 वर्ष से लावारिस हालत में पड़ी हैं। क्योंकि इन सभी बाइक्स को रिसीव करने के लिए अभी तक कोई ओनर सामने ही नहीं आया है। यह सभी बाइक्स बरेली जंक्शन 2000 और 2001 की बताई जा रही हैं। करीब 17 वर्ष से ये बाइक्स रेलवे के पार्सल स्टोर में गल रही हैं। हालांकि इस मामले में अफसरों ने बताया कि अब छह माह में ही इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर इन्हें नीलाम कर दिया जाएगा। क्योंकि रेलवे में छह माह तक कोई पार्सल सुरक्षित रखकर उसे ओनर को सूचना देना होता है। उसके बाद भी जब कोई पार्सल को रिसीव करने के लिए नहंी पहुंचता है तो उसे नीलाम करने का प्रावधान है।

भेजी जाती है सूचना

रेलवे से जब कोई पार्सल भेजा जाता है, तो उसे रिसीव करने के लिए समय सीमा होती है। इसमें बाइक्स को रिसीव करने के लिए 8 घंटे की समय सीमा निर्धारित है लेकिन जब समय पर उसे रिसीव नहीं किया जाता है तो रेलवे पार्सल रिसीव करने वाले पर 10 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से डेमरेज चार्ज वसूलता है। लेकिन पार्सल को रिसीव करने जब कोई भी नहीं पहुंचता है तो रेलवे की तरफ से पार्सल करने वाले के मोबाइल नम्बर या फिर एड्रेस पर सूचना भेजी जाती है ताकि वह अपना पार्सल रिसीव कर सके। इसके बाद भी रेलवे जंक्शन पर कई पार्सल ऐसे पड़े हैं जिन्हें कोई रिसीव करने वाला ही नहीं पहुंचा है। जिसके लिए रेलवे पार्सल अफसरों ने पार्सल रिसीव करने के लिए कई बार मैसेज भी भेजे। लेकिन उन्हें भी कोई रिसीव करने के लिए नहीं पहुंचा है।

सीबीआई कर रही थी जांच

रेलवे जंक्शन पर रिसीव न होने वाले पार्सल में 18 बाइक्स भी हैं। जो वर्ष 2001 में एनसीआर और दिल्ली से पार्सल के माध्यम से बरेली जंक्शन पर पहुंची थीं, लेकिन इन बाइक्स को रिसीव करने के लिए जंक्शन पर कोई नहीं पहुंचा। रेलवे अफसरों का कहना है कि इन बाइक्स को दिल्ली से सीबीआई ने रुकवा दिया था। बताया जाता है कि यह सभी बाइक्स दिल्ली से चोरी हुई थी। जिसकी जांच के लिए सीबीआई ने इनकी नीलामी रुकवा दी। उसके बाद से आज तक बाइक्स पड़ी हुई हैं। फिलहाल अफसरों का कहना है कि अब छह माह बाद इनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। क्योंकि कोई भी पार्सल छह माह तक ही रखा जा सकता है जिसके बाद रेलवे उसे नीलाम कर देता है।

पार्सल खोने पर मिलता है इंश्योरेंश

रेलवे से पार्सल भेजने वाले को माल की कीमत का एक प्रतिशत इंश्योरेंस की कीमत जमा करनी होती है। ताकि माल गुम होने पर रेलवे इंश्योरेंस कराई गई धनराशि को पार्सल करने वाले को अदा करता है।

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खराब हो चुकी हैं बाइक्स

पार्सल स्टोर में 2001 की 18 बाइक्स रखी हुई हैं। बताया जाता है कि किसी कारण से इन बाइक्स की नीलामी रुकवा दी गई थी। नहीं तो रेलवे अब तक इन्हें नीलाम कर देता। काफी समय से रखी होने के चलते बाइक्स भी खराब हो चुकी है।

एएन झा, सीपीएस बरेली जंक्शन