- सिर्फ बेस्ट एक्सरसाइज ही नहीं एक डॉक्टर का रोल भी निभाती है साइकिल

>BAREILLY: फिट रहने के लिए वर्तमान दौर में हर कोई जिम में पहुंचकर जोर आजमाइश कर रहे हैं। ऐसे में यह धीरे-धीरे फिटनेस फैशन ट्रेंड बन सा गया है। फीमेल्स हों या मेल्स स्लिम ट्रिम और फिट दिखने के लिए बेहिसाब रुपए खर्च कर रहे हैं, फीजियो एक्सर्ट और डॉक्टर्स का मानना है कि इन सबसे कहीं ज्यादा बेहतर एक्सरसाइज साइकि1लंग है।

पूरी बॉडी की एक्सरसाइज

फिजियो थेरेपिस्ट डॉ। शशांक शुक्ला ने बताया कि साइकिल से बॉडी के सभी अंगो की एक्सरसाइज हो जाती है। जो पैरों और कूल्हे की मांसपेशियों को मजबूत और सुडौल रूप देने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज बन जाती है। नॉर्मल स्पीड से अगर कोई 30 मिनट की साइकलिंग करता है तो करीब 300 से भी ज्यादा कैलोरीज बर्न हो जाती है। यह बीमारियों को दूर भगाने के साथ ही फैट को भी काफी कम कर देती है। कम खर्च में बेहतर स्वास्थ्य और शहर को पॉल्युशन फ्री बनाने में भी काफी मददगार है।

कम होता डिप्रेशन का खतरा

- साइकलिंग के बाद करीब आधा घंटे तक भोजन न खाएं। दलिया या पास्ता खाएं

- साइकलिंग के दौरान पर्याप्त और संतुलित मात्रा में पानी जरूर पिएं। स्फूर्ति आएगी।

- इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। हार्ट प्रॉब्लम का खतरा कम हो जाता है।

- इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने समेत रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इससे बढ़ती है।

- साइकलिंग से शुगर भी कंट्रोल में रहती है। शुगर पेशेंट्स के लिए वरदान है।

- प्रतिदिन साइकिल चलाने से तनाव और डिप्रेशन का खतरा कम रहता है।

फॉर योर इनफॉर्मेशन

फ्लैग ऑफ - 19 फरवरी

टाइम - सुबह 8.30 बजे

वेन्यू - स्पो‌र्ट्स स्टेडियम

रजिस्ट्रेशन फीस - सौ रुपए

कॉन्टैक्ट नंबर - 8953777788

साइकलिंग शुगर पेशेंट्स के लिए वरदान है। प्रतिदिन साइकलिंग करने वालों को बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है।

डॉ। शशांक शुक्ला, फिजियो थेरेपिस्ट, खुशलोक हॉस्पिटल

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सिटी स्पीक - साइकिल खरीदने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी

मुझे याद है कि उस दौर में साइकिल ही सफर में रफ्तार का एकमात्र जरिया हुआ करती थी। जिसके पास साइकिल होती थी वह खुद को सेठ ही समझता था। ऐसे में मुझे भी बचपन में साइकिल खरीदने के लिए पिता जी के साथ काम पर जाना पड़ता था। जब साइकिल खरीदी तो लगा कि मेरी कितनी जरूरी ख्वाहिश पूरी हो गई। तब से शुरू हुआ साइकिल का सफर आज भी जारी है। स्कूल फ्रेंड्स के साथ साइकलिंग पर खूब मस्ती होती थी। कई बार सीखते वक्त और स्टंट मारते समय गिरा भी पर फिर उठकर साइकिल पर सवार हो जाता था। मेरा मानना है कि साइकिल न सिर्फ सफर तय करने का जरिया है बल्कि एक बेहतर एक्सरसाइज भी है। जो रोगों को दूर भगाने के साथ ही खर्च को भी कम कर देती है। क्योंकि न इसमें पेट्रोल लगता है और न ही मेनटेनेंस पर कोई ज्यादा खर्च आता है। मैंने अपनी कंपनी में भी साइकिल चलाने के आदेश दिए हैं। जिसका सभी वर्कर्स फॉलो भी कर रहे हैं।

घनश्याम खंडेलवाल, चेयरमैन, बीएल एग्रो