क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: स्कूल यूनिफार्म पहने हुए फुल स्पीड से वाहन चलाने वाले स्टूडेंट्स के साथ जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए उनके वाहनों को स्कूल परिसर में ही खंगालने का निर्णय लिया है. सभी स्कूल प्रबंधन को निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल में अपनी बाइक, कार से आने वाले स्टूडेंट्स को चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट प्रशासन को भेजें. शहर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरपट गाड़ी दौड़ाते देखा जा रहा है. पुलिस के समक्ष कई शिकायतें आई हैं कि स्कूल यूनिफार्म पहने बच्चे काफी तेज रफ्तार से बाइक चलाते हुए निकलते हैं. इसपर एक्शन लेते हुए पुलिस और जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों के प्राचार्यो को इस संबंध में सूचित किया है और स्कूल प्रबंधन की रिपोर्ट आ जाने के बाद सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

पेरेंट्स के साथ को-आर्डिनेशन

स्कूल प्रबंधन को ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनके पेरेंट्स के साथ भी को-आर्डिनेशन बनाने के लिए कहा गया है. इनके साथ समय-समय पर बैठक कर उन्हें इसकी जानकारी मिलनी चाहिए कि उनके बच्चे सड़कों पर किस रफ्तार से गाड़ी चला रहे हैं.

स्कूल टाइम पर रहेगी नजर

अब जो बच्चे अपनी निजी गाडि़यों से स्कूल आते हैं उनके स्कूल आने और स्कूल से निकलने के टाइम को वॉच किया जाएगा. इसकी जानकारी समय-समय पर अभिभावकों को भी दी जाएगी. कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें बच्चे ट्यूशन और अन्य बहानों से घर से तो जल्दी निकलते हैं लेकिन स्कूल देर से पहुंच रहे हैं.

क्या है नियम

18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के न तो ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू किये जाते हैं और न ही उन्हें गाड़ी चलाने की परमिशन है. इसके बावजूद कई बच्चे स्कूल आने जाने के लिए अपनी बाइक का इस्तेमाल करते हैं.

स्कूल कैंपस से बाहर पार्किंग

पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में यह भी सामने आया है कि कई बच्चे ऐसे हैं जो घर से तो स्कूल के लिए बाइक से निकलते हैं लेकिन स्कूल परिसर के बाहर ही कहीं गाड़ी खड़ी कर पैदल स्कूल पहुंचते हैं. कई स्कूलों में निजी गाडि़यों से स्कूल आना मना है जिसके कारण बच्चों ने यह उपाय निकाला है.

वर्जन

बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते देखे जा रहे हैं. ऐसे में उन्हें पकड़ने से बेहतर स्कूल प्रबंधन को सूचित कर दिया गया है कि बच्चों को मना करें और उनकी लिस्ट बनाकर प्रशासन को सौंपें.

संजीव कुमार, डीटीओ, रांची

सभी पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि स्कूल यूनिफार्म में बाइक चलाते बच्चों के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करें. 12 वीं तक के बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम ही रहती है. ऐसे में उनका ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं होता और वे लोग बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते हैं.

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची