कश्मीर मुद्दा है यूएन की असफलता

बिलावल भुट्टो ने रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दे को यूएन की सबसे बड़ी असफलता करार दिया. बिलावल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1172 के मुताबिक पाकिस्तान और भारत को परमाणु प्रौद्योगिकी और इसकी सामाग्री उपलब्ध कराने पर रोक लगाई गई है लेकिन जो प्रतिबंध दोनों देशों पर लगाए गए हैं वो भारत के मामले में लागू नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा जहां पुरानी पीढ़ी विफल हुई है, वहां युवा पीढ़ी सफल होगी.' उन्होंने बताया कि भविष्य की पीढ़ी मिसाइलों और दूसरे हथियारों की गिनती करने की बजाय एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और प्रगतिशील पाकिस्तान के लिए काम करेगी.

विश्व शांति के लिए संकट

बिलावल भुट्टो ने कहा 'हम एक लोकतांत्रिक मुस्लिम देश के प्रति वैश्विक संस्था के इस प्रकार के रवैये को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.' साथ ही जोड़ा कि उनके पास केवल दो रास्ते हैं या तो वे एक समृद्ध मुस्लिम राष्ट्र बन सकते हैं या फिर एक धार्मिक कट्टरपंथी देश, जो न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि विश्व शांति के लिए भी खतरा हो सकता है.' गौरतलब है कि बिलाबल ने बयान दिया था कि वह कश्मीर का इंच-इंच भारत से छीन लेंगे. बिलावल के इस बयान का सोशल मीडिया पर काफी मजाक उड़ाया गया था.

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