-बिल्डर के दाव पेंचों से रहे सावधान

-रियल एस्टेट अथॉरिटी और अपीलेट ट्रिब्यूनल पर करें शिकायत

मेरठ। पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट मार्केट में आए बदलाव में बिल्डर्स और डेवलपर्स की फौज खड़ी कर दी है। रियल एस्टेट के बढ़ते ट्रेंड में कुछ ठग किस्म के बिल्डर्स का गोरखधंधा भी खूब निकल पड़ा है। ऐसे में कस्टमर्स के सामने न केवल प्रोजेक्ट्स और बिल्डर्स की विश्वसनीयता को लेकर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं, बल्कि ऐसे डेवलर्स के चंगुल से निकलने के लिए कानून कार्रवाई की जानकारी होना भी परम आवश्यक्ता है।

क्या है मामला

अक्सर देखने में आता है कि बिल्डर खरीदारों को तरह-तरह के सब्जबाग दिखा कर प्रोजेक्ट में शामिल कर लेता है। लेकिन मकान खरीदने के बाद बिल्डर के सारे दावे हवा-हवाई नजर आते हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट समय पर पूरा न करना, कंस्ट्रक्शन की गति का बहुत धीमा होना या फिर तय समय पर घर का पजेशन न दिया जाना। ऐसी तमाम शिकायतों से कस्टम को दो चार होना पड़ता है।

अवैध कॉलोनियों से रहे सावधान

पिछले कुछ सालों में मोटे मुनाफे का सौदा बन चुका रियल एस्टेट कारोबार ने कस्टमर के सामने कई तरह की परेशानियां भी खड़ी कर दी हैं। ऐसे में अवैध कॉलोनियों का गोरखधंधा भी खूब जोरों पर चल निकला है। हाईटेक सुविधाओं और एमडीए से स्वीकृत प्रोजेक्ट की झूठी सूचना देकर कुछ घाघ बिल्डर्स न केवल खरीदारों से जमकर ठगी कर रहे हैं, बल्कि रियल एस्टेट मार्केट की विश्वनियता भी खो रहे हैं। खुद एमडीए के ऑफिशियल आंकड़ों पर गौर करें तो मेरठ में 535 से अधिक अवैध कॉलोनियां खड़ी हो गई हैं।

बिल्डर और प्रोजेक्ट की करें जांच

ऐसे में जरूरत इस बात कही है कि मकान खरीदने से पूर्व कस्टर की ओर से हर स्तर पर सावधानी बरती जाई। कस्टर को चाहिए कि वह सबसे पहले बिल्डर की विश्वसनीयता के साथ एमडीए में जाकर संबंधित प्रोजेक्ट की छानबीन करे। प्रोजेक्ट यदि एमडीए से स्वीकृत है तो प्राधिकरण में जमा कराए गए मानचित्र और ब्रोशर में दर्शाई गई सुविधाओं का मिलान करे। कुछ भी गड़बड़ी निकलने पर एमडीए में शिकायत दर्ज कराएं।

अधिकारों को जानें -

-मकान के खरीदार अब अपने पैसे वापस मांग सकते हैं या क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं।

-कस्टमर द्वारा दावा किए जाने के 45 दिनों के भीतर बिल्डर को पैसे वापस करने होंगे।

-बिल्डर विशेष एकाउंट से उसी अनुपात में पैसों की निकासी कर सकते हैं, जिस अनुपात में प्रोजेक्ट का निर्माण हो चुका है।

-रिएल एस्टेट अथॉरिटी और अपीलेट ट्रिब्यूनल 60 दिनों में ग्राहकों की शिकायत का निस्तारण करेगा।

यहां करें शिकायत -

योगेन्द्र यादव (वीसी) एमडीए -- 9910561116

अवनीश शर्मा (सचिव) एमडीए -- 7055042200

केके गौतम (टीपी) एमडीए -- 7500161161

ऑन करें शिकायत

प्राधिकरण अफसरों से शिकायत के साथ ही कस्टमर एमडीए की ऑफिशियल वेबसाइट 'एमडीए मेरठ डॉट इन' पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

बिल्डर की ओर से की जाने वाली धोखाधड़ी के लिए कस्टमर एमडीए में आकर शिकायत दर्ज करा सकता है। गड़बड़ी मिलने पर दोषी बिल्डर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-योगेन्द्र यादव, वीसी एमडीए

अधिकांश मामले कच्ची कॉलोनियों को लेकर हैं। एमडीए के नाम पर शहर में सैकड़ों अवैध कॉलोनियां खड़ी कर ली गई हैं। जब कस्टमर को इसकी जानकारी होती है, तब तक वो ठगी का शिकार हो चुका होता है।

-लोकेश खुराना, आरटीआई एक्टीविस्ट

बिल्डर के दावे और वास्तविकता में बड़ा फर्क होता है। ऐसे तमाम सावधानियों के साथ बिल्डर की विश्वसनीयता बड़े मायने रखती है। गड़गड़ी मिलने पर लीगल प्रोसीडिंग करें।

-संदीप पहल, सीनियर एडवोकेट