यह कहानी एक ऐसी लड़की की है, जिसका इस दुनिया में कोई नहीं है। पिछले पांच सालों से वह डिस्ट्रिक्ट जेल में उस अपराध की सजा काट रही, जो शायद उसने किया ही नहीं। उन्नीस साल की उम्र में जब और लड़कियां हसीन सपने बुन रही होती हैं, तो जेल की अंधेरी कोठरी में वह आंसुओं में डूबी है। उसकी खता सिर्फ इतनी थी कि वह गरीब थी।

गरीबी का कहर, छूटता रहा अपनों का साथ

सीमा के होश संभालते ही मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगा। मां-बाप और एक छोटे भाई के साथ उसकी फैमिली किराए के मकान में रहती थी। उस समय उसकी उम्र लगभग 9 साल थी। घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। एक दिन मकान मालिक ने सीमा की फैमिली को अचानक रात में घर से निकाल दिया। पूरा परिवार सड़क पर आ गया। मगर इससे बड़ी मुसीबत तब आई, जब उसके पिता परिवार को छोड़कर कहीं चले गए। मां ने किसी तरह कुछ दिन तक सीमा और उसके भाई का पालन-पोषण किया। अभी दिन सुधरे ही थे कि सीमा पर एक और पहाड़ टूट पड़ा, जब एक दिन उसकी मां उसके छोटे भाई को लेकर अचानक गायब हो गई। मां की तलाश में सीमा दर-दर भटकती रही। एक ओर मां का दुख था तो दूसरी ओर भूख सता रही थी।

मसीहा बनकर आया टैक्सी ड्राइवर
मां-बाप और भाई से बिछुडऩे के बाद सीमा बिल्कुल अकेले पड़ गई थी। कई दिनों तक सड़कों पर भूखे-नंगे घूमते रहने के बाद सीमा को टैक्सी ड्राइवर के रूप में एक मसीहा मिला। उसने पूरी कहानी सुनने के बाद सीमा को अपने घर में शरण दी। कुछ दिन घर में रखने के बाद उस टैक्सी ड्राइवर ने सीमा को अपने एक रिलेटिव के घर छोड़ दिया। वहां सीमा मेड के रूप में रहने लगी। सीमा भी किस्मत के इस फैसले से खुश थी कि कम से कम थोड़े काम के बदले घर और खाना तो मिलेगा।

पांच साल बाद फिर टूटा पहाड़
सीमा ट्रैक्सी ड्राइवर के रिलेटिव के घर मेड के रूप में आराम से रह रही थी। 5 साल बीत गए, मगर सीमा की लाइफ में किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। मगर शायद किस्मत को यह मंजूर नहीं था। जिस घर में सीमा रह रही थी, अचानक उसका मालकिन से विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि मालकिन ने सीमा के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। घटना की असलियत क्या थी, यह कहना तो मुश्किल होगा, मगर सीमा को चोरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तब वह नाबालिग थी। सीमा को पुलिस ने मिर्जापुर जेल भेज दिया।

मामला अभी ट्रायल में
गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट जेल में बंद सीमा के अनुसार, बालिग होने पर ही सीमा को गोरखपुर जेल भेज दिया गया। सीमा अब तक लगभग 5 साल की 'सजाÓ काट चुकी है। मगर उसका मामला अभी ट्रायल पर है। वह जेल से कब तक छूटेगी यह कहना मुश्किल होगा, क्योंकि सीमा की न तो कोई जमानत कराने वाला है और न ही केस की जल्द सुनवाई कराने वाला। मगर सीमा की इस कहानी ने यह तय कर दिया कि जिसका कोई नहीं होता, उसे सिर्फ मुसीबतों का ही सामना करना पड़ता है। जेलर ने बताया कि सीमा चोरी के आरोप में बंद है। जब तक उसे सजा सुनाई नहीं जाती, तब तक वह यही रहेगी। क्योंकि उसकी जमानत कराने वाला कोई नहीं है।

सलाखों से बाहर आएगी सीमा

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रात के बाद हुआ सबेरा
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