- नर्सिग होम्स व क्लीनिक को प्रॉपर बायो वेस्ट मैनेजमेंट के इंतजाम करने के निर्देश

- इंफेक्शन फैलने का बढ़ जाता है खतरा, प्रशासन ने अपनाया कड़ा रुख

ALLAHABAD: प्राइवेट नर्सिग होम्स और क्लीनिक पर प्रशासन का शिकंजा कसता ही जा रहा है। रेट लिस्ट लगाने के फरमान के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रॉपर बायो वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को नर्सिग होम्स व क्लीनिकों का इंस्पेक्शन कर व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि हॉस्पिटल्स से निकलने वाले खतरनाक कूड़े से इंफेक्शन और बीमारियों के फैलने के खतरे को टाला जा सके।

फ्ख्8फ् में केवल भ्00 का रजिस्ट्रेशन

हॉस्पिटल्स से निकलने वाले बायो वेस्ट के निस्तारण के लिए फेरो संस्था की ओर से नैनी में यूनिट लगाई गई है। नियमानुसार प्रत्येक हॉस्पिटल व क्लीनिक को यहां रजिस्ट्रेशन कराकर प्रतिदिन अपना कचरा भेजना होता है। फिलहाल रजिस्ट्रेशन के जो आंकड़े हैं वह चौंकाने वाले हैं। डिस्ट्रिक्ट में ख्8फ् प्राइवेट हॉस्पिटल्स हैं और क्लीनिक व पैथोलॉजी मिलाकर तीन हजार सेंटर हैं। इनमें से केवल भ्00 ने ही फेरो में रजिस्ट्रेशन कराया है, जो कि काफी कम हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि बायो वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर जबरदस्त लापरवाही बरती जा रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इनमें से कई होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक क्लीनिक भी हैं। जिनसे जीरो बायो वेस्ट निकलता है।

बना दी टीम, शुरू होगा इंस्पेक्शन

कमिश्नर बीके सिंह के आदेश को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरतने वाले नर्सिग होम्स व क्लीनिकों पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। चीफ मेडिकल ऑफिसर के निर्देश पर टीम का गठन किया गया है, जो प्रत्येक सेंटर पर जाकर वहां फेरो रजिस्ट्रेशन चेक करेगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा वहां से प्रतिदिन कितना वेस्ट निकलता है। रजिस्ट्रेशन नहीं मिलने पर संबंधित सेंटर का लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसकी रिपोर्ट प्रशासन को भी सौंप दी जाएगी।

डब्ल्यूएचओ जाहिर कर चुका है चिंता

हॉस्पिटल्स से निकलने वाले बायो वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही बरते जाने पर व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन भी चिंता व्यक्त कर चुका है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह कचरा सेहत के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकता है। हॉस्पिटल्स निकलने वाली सीरिंज, रुई, पट्टी, ब्लड, बैंडेज, बॉडी फ्लूड आदि इंफेक्शन फैला सकते हैं। सीरिंज की चुभन से एचआईवी फैलने के चांसेज भी बहुत ज्यादा होते हैं। इसलिए इनका नियमित निस्तारण होना बहुत जरूरी है।

यूपी में इलाहाबाद सबसे आगे

रोजाना निकलने वाले बायो वेस्ट में इलाहाबाद पूरे प्रदेश में अव्वल है। रजिस्टर्ड पांच सौ सेंटर्स से प्रतिदिन क्ख्00 किग्रा कचरा निकलता है, जो कि यूपी के अन्य शहरों के मुकाबले सबसे ज्यादा है और वह भी तब जब केवल भ्00 ने ही फेरो मे रजिस्ट्रेशन कराया है। अगर सभी सेंटर्स इस नियम का पालन करें तो निकलने वाले बायो वेस्ट की क्वांटिटी इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग प्रॉपर चेकिंग अभियान चलाने जा रहा है।

फैक्ट फाइल

डिस्ट्रिक्ट में बायो वेस्ट मैनेजमेंट

कुल प्राइवेट हॉस्पिटल्स-ख्8फ्

क्लीनिक और पैथोलॉजी सेंटर्स-फ्000

फेरो में रजिस्टर्ड सेंटर्स- भ्00

रोजाना निकलने वाला बायो वेस्ट-क्ख्00 किग्रा

क्या है बायो वेस्ट- सुई, पट्टी, बैंडेज, रुई, ब्लड, बॉडी फ्लूड आदि

बायो वेस्ट के प्रॉपर मैनेजमेंट के लिए भ्00 प्राइवेट हॉस्पिटल्स व क्लीनिकों ने फेरो में रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रशासनिक आदेश पर बाकी सेंटर्स को भी इससे जोड़ा जाएगा, ताकि पब्लिक को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इंस्पेक्शन के दौरान नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित सेंटर का लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, स्वास्थ्य विभाग