RANCHI: रिम्स में बायोकेमिस्ट्री की मशीन तीन दिनों से खराब पड़ी है। इस वजह से मरीजों का जरूरी टेस्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लोगों को मेडाल और प्राइवेट लैब में जांच कराने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। इस चक्कर में लोगों को तीन गुना अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं मशीन खराब होने की जानकारी प्रबंधन को भी दी गई है। इसके बावजूद मशीन बनाने को लेकर गंभीर नहीं है।

दो माह में सात बार मशीन खराब

बायोकेमिस्ट्री मशीन में एक दर्जन से अधिक जांच की जाती है, जिसमें सभी जरूरी टेस्ट शामिल हैं। ऐसे में मशीन खराब हो जाए तो काफी परेशानी होती है। अब स्थिति यह है कि मशीन बनाने को लेकर विभाग के अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं। पिछले दो महीने में सात बार मशीन खराब हो चुकी है। वहीं बनाने में भी तीन-चार दिनों का समय लग जाता है। इस दौरान मरीजों की जांच नहीं हो पाती है।

सैकड़ों मरीजों की बढ़ी परेशानी

हास्पिटल में इलाज के लिए ओपीडी में हर दिन 1500 मरीज पहुंचते हैं, जहां से तीन से 400 मरीजों को पैथोलॉजी टेस्ट के लिए डॉक्टर लिखते हैं। ऐसे में लोग टेस्ट कराने के लिए सेंट्रल कलेक्शन सेंटर पहुंच रहे हैं। चूंकि सेंटर में सरकारी दर पर मरीजों की जांच की जाती है।

ये टेस्ट बंद

एलएफटी

आरएफटी

बीएसएफ

पीपी

बीएसआर

लिपिड प्रोफाइल

एसजीओटी

एसजीपीटी

टोटल प्रोटीन

एल्बुमिन

टोटल बिलरूबिन

डायरेक्ट बिलरूबिन

एएलपी