-को-ऑपरेटिव कॉलेज में 36, वर्कर्स कॉलेज में 37 व ग्रेजुएट कॉलेज में सभी टीचर्स ने हाजिरी बनाई

JAMSHEDPUR: बायोमेट्रिक हाजिरी के मामले में अंतत: 'टाकू' (टीचर्स एसोसिएशन ऑफ कोल्हान यूनिवर्सिटी) को झुकना पड़ा। बुधवार को सभी कॉलेजों में शिक्षकों ने बायोमेट्रिक से हाजिरी बनाई। इस आधार पर कॉलेजों के प्राचार्यो ने कुलपति को माह जून का वेतन निर्गत करने को पत्र भेजा। को-ऑपरेटिव कॉलेज में फ्म्, वर्कर्स कॉलेज में फ्7 व ग्रेजुएट कॉलेज में सभी शिक्षिकाओं व शिक्षकों ने हाजिरी बनाई। सभी कॉलेज में बायोमेट्रिक का प्रतिशत शत प्रतिशत रहा। मात्र वर्कर्स कॉलेज में डा। राजीव कुमार ने बायोमेट्रिक से अपने आप को अलग रखा। कोल्हान विश्वविद्यालय के वीसी डा। आरपीपी सिंह ने कहा कि बायोमेट्रिक मामले में टाकू द्वारा हल्ला मचाना गलत है क्योंकि यह आदेश उनका नहीं कुलाधिपति का है।

वर्कर्स कॉलेज ने बनाई हाजिरी

सबसे पहले बायोमेट्रिक सिस्टम वर्कर्स कॉलेज जमशेदपुर में सात अगस्त ख्0क्ख् को लगाया गया था। तब से लेकर अभी तक यहां के प्राचार्य डा। डीपी शुक्ला लगातार इसी सिस्टम से हाजिरी बना रहे हैं। उस समय विश्वविद्यालय की ओर से भी बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने का कोई आदेश नहीं था लेकिन वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य ने इस बात को पहले ही भांप लिया था कि आने वाले दिनों में सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को इसी माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी पड़ेगी।

क्0 शिक्षक विरमित

कोल्हान विवि द्वारा हाल ही किये गये शिक्षकों के सामूहिक स्थानांतरण के कारण वर्कर्स कॉलेज जमशेदपुर से बुधवार को क्0 शिक्षकों को विरमित कर दिया गया। इस बात की जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डा। डीपी शुक्ला ने कहा कि डीके धंजल, आरएन महतो, डा। एचपी सिंह, डा। टीसीके रमन, डा। राजेंद्र भारती, डा। हरिहर प्रधान, डा। दीपांजय श्रीवास्तव, प्रभाष आर साहू, डा। प्रसून दत्त सिंह व बीएल कर्ण को विरमित कर दिया गया है। इधर राजनीतिक विज्ञान के डा। एके महापात्र व दर्शनशास्त्र की प्रोफेसर अर्चना कुमारी गुप्ता ने वर्कर्स कॉलेज में बुधवार को योगदान दिया।

सात अगस्त को आ सकती है नैक टीम

वर्कर्स कॉलेज में नैक (नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रिडियेशन काउंसिल) टीम का आगमन सात अगस्त को हो सकता है। इस संबंध में कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना मिल चुकी है। नैक टीम सात, आठ व नौ अगस्त तक शहर में रुकेगी तथा कॉलेज में पठन-पाठन की स्थिति व अन्य आधारभूत संरचनाओं का मूल्यांकन करेगी।