तीन साल से खराब पड़ी हैं बायोमेट्रिक मशीनें

शिकायतों के बाद रजिस्ट्रार ने किया था निरीक्षण

यूजीसी ने भी दिए है यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों को निर्देश

Meerut. यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों को बायोमेट्रिक मशीन की हाजिरी पर पैनी नजर रखने व स्टाफ पर पैनी नजर रखने की हिदायत दी है. यूजीसी के अनुसार अक्सर यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों में स्टाफ पूरे समय की ड्यूटी नही करता, कई बार देखने में आता है कि समय पर ऑफिस नही पहुंचते हैं, ऐसे में निगरानी आवश्यक है, वहीं कुछ दिनों पहले आई शिकायतों के बाद रजिस्ट्रार ने भी सख्ती शुरु कर दी है, जिसके चलते यूनिवर्सिटी कर्मचारियों पर पैनी नजर रखने का दावा कर रही है, पर बदकिस्मती यूनिवर्सिटी की बायोमैट्रिक मशीनों की खराबी के चलते ऐसा होना संभव नही .

तीन सालों से खराब है मशीन

सीसीएसयू में विभिन्न समस्याओं के चलते तीन साल पहले पूर्व रजिस्ट्रार के कार्यकाल में प्रशासनिक भवन में बायोमैट्रिक मशीनें लगवाई गई है. कुछ दिन ऑनलाइन हाजिरी लगी तो कामचोरी करने वालों को परेशानी होने लगी. नतीजतन मशीने भी खराब होने लगी. इसके बाद दोबारा से मशीन लगवाई गई, कुछ महीने तक हाजिरी लगी, लेकिन फिर से मशीनों को खराब कर दिया गया. बीच में फिर इन्हे ठीक कराया गया, लेकिन अब एक मशीन को चुरा लिया जा चुका है, बाकी जो है वो भी खराब है. प्रशासनिक भवन में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी 15 हजार से 50 हजार रुपए के बीच है.

हो चुकी है कार्रवाई

रजिस्ट्रार ने अभी कुछ दिन पहले ही कर्मचारियों की हाजिरी को लेकर औचक निरीक्षण किया था. जिसमें 15 कर्मचारियों को गैरहाजिर पाया था, हालांकि कर्मचारियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था. रजिस्ट्रार अब कैमरों के जरिए व बायोमेट्रिक में कौन किस टाइम हाजिरी लगाता है इसकी निगरानी करने के दावे कर रहे है, मगर बायोमैट्रिक मशीन तो खराब ही है कैसे अटैंडंस की नॉलेज मिलेगी.

कुछ कर्मचारियों की वजह से सभी कर्मचारियों का नाम खराब होता है. कर्मचारियों की लापरवाही से स्टूडेंट को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए प्रयास किए जा रहे है ऐसे कर्मचारियों को सुधारा जाए, मशीन की भी जांच कराई जा रही है

धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू