HARIDWAR (JNN) : ख्0क्फ् की आपदा के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य बायोमैट्रिक्स रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करने का दावा है। पर, असल में यात्रियों का पंजीकरण बायोमेट्रिक्स नहीं, बल्कि फोटोमैट्रिक्स आधार पर ही किया जाएगा। इसमें सिर्फ यात्रियों की फोटो खींचकर उनका नाम व पता दर्ज किए जाने की व्यवस्था है। जबकि, जैव पहचान सुनिश्चित करने जैसी कोई व्यवस्था चारधाम यात्रा में नहीं है, जैसा की सरकार ने दावा किया था।

बस फोटो और एड्रेस होगा दर्ज

ख्भ् अप्रैल को केदारनाथ व ख्म् अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। आपदा के बाद वर्ष ख्0क्ब् से ही सरकार ने चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर यात्री के लिए बायोमैट्रिक्स पंजीकरण की व्यवस्था अनिवार्य कर दी थी। जिस पंजीकरण व्यवस्था को सरकार बायोमैट्रिक्स रजिस्ट्रेशन का नाम देकर प्रचारित कर रही है, असल में वह बायोमेट्रिक्स है ही नहीं। इसमें यात्रियों की बायोमैट्रिक्स पहचान दर्ज करने की कोई व्यवस्था नहीं है, जैसा की तय किया गया था। पंजीकरण के काउंटर पर यात्रियों के फोटो लेकर उनका नाम, पता दर्ज किया जाएगा। यात्रियों का यह पंजीकरण सिर्फ फोटोमैट्रिक्स ही रह गया है। ऐसे में हर यात्री की जैव पहचान सुनिश्चित करने के सरकारी दावे पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

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व्यवहारिक दिक्कतों के कारण हर यात्री का बायोमैट्रिक्स पंजीकरण मुमकिन नहीं। इसलिए पंजीकरण सिर्फ फोटोमैट्रिक्स आधार पर किया जा रहा है।

-वाइके गंगवार, विशेष कार्याधिकारी

चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन