RANCHI : मंगलवार को बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का नजारा आम दिनों से बिलकुल अलग था। हर तरफ उल्लास का वातावरण था। टीचर्स और स्टूडेंट्स, हर किसी के चेहरे से खुशी झलक रही थी। हो भी क्यों ना। आखिर यूनिवर्सिटी के पांचवे कॉन्वोकेशन में पूर्व राष्ट्रपति व साइंटिस्ट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों गोल्ड मेडल व डिग्री जो मिलना था। इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, कृषि मंत्री रंधीर सिंह और बीएयू के वीसी डॉ जार्ज जॉन समेत कई गणमान्य मौजूद थे। इस मौके पर 39 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, झारखंड का भविष्य उज्जवल

कॉन्वोकेशन में शिरकत करने आए सीएम रघुवर दास ने कहा- पहली बार किसी यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन में शामिल होने का मौका मिला। यहां आकर लगा कि आज देश को ऐसे ही युवाओं की जरूरत है। छात्रों की आंखों में चमक देखने के बाद आश्वस्त हो गया कि झारखंड का भविष्य उज्जवल है। इन छात्रों से राज्य को काफी उम्मीदें हैं। राज्य में कृषि का जो विकास होना चाहिए, वह नहीं हो सका है। यूनिवर्सिटी को चाहिए कि वह ऐसी टेक्निक डेवलप करे, ताकि मिट्टी की जांच के साथ कृषि को बढ़ावा दिया जा सके। किसानों को खेत की मिट्टी की पूरी जानकारी देने की आज जरूरत है।

डॉ कलाम ने स्टूडेंट्स को दिए बेहतरी के टिप्स

बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को डॉ कलाम के आने का बेसब्री से इंतजार था। स्टूडेंट्स उनके इंतजार में पलकें बिछाए खड़े थे। जैसे ही वे संबोधन करने के लिए आए, पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इस मौके पर कलाम सर ने भी लगभग 400 स्टूडेंट्स को बेहतर करने के कई टिप्स दिए।

- डॉ कलाम ने कहा, आप जब बल्ब को देखते हैं तो आप एडिसन को याद करते हैं। टेलिफोन की घंटी सुनते हैं तो किसी याद करते हैं इसे बनाने वाले को। इसी तरह कुछ ऐसा करें जिससे आनेवाली सदी आपको याद रख सके।

-अगर आप एग्रीकल्चर के फिल्ड में बेहतर करते हैं तो इसका फायदा पूरे देश को होगा। एग्रीकल्चर में रिसर्च करें और किसानों की बेहतरी के लिए योजना बनाएं।

-अगर यहां के सभी स्टूडेंट्स अपनी सारी एनर्जी पॉजिटिव वर्क के लिए लगाते हैं तो आने वाले समय में पूरे देश के साथ आपके स्टेट को भी इसका फायदा मिलेगा।

टॉपर्स ने कहा

वेटनरी फार्मालॉजी एंड टॉक्सीलॉजी में पीएचडी हूं। फिलहाल गढ़वा कृषि विज्ञान केंद्र में काम कर रही हूं। मेरी सफलता में मेरे पति रोशन कमल टोपनो और शिक्षकों का योगदान है।

डॉ सुषमा ललिता बाखला

प्लांट बीडिंग एंड जेनेटिक्स में रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। कलाम सर के हाथों मेडल मिलना बड़ी बात है। मेरी सफलता में पैरेंट्स और पति के साथ बेटी का भी अहम योगदान है।

डॉ ताजवर इजहार

मुझे इस बात की काफी खुशी है कि कलाम सर के हाथों गोल्ड मेडल मिला। हॉर्टिकल्चर में पीएचडी कर रही हूं। साइंटिस्ट सीड टेस्टिंग में साइंटिस्ट हूं।

सुप्रिया सिंह

कलाम सर के हाथों गोल्ड मेडल लेना मेरे लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट है। फिलहाल एनजीओ में प्रोडक्शन मैनेजर हूं। रूरल एरियाज में जाकर पशु पक्षी के लिए कार्य करना चाहती हूं।

डॉ ललिता

वेटनरी मेडिसीन

बंगलुरू से इसलिए आई हूं, ताकि कलाम सर के हाथों मेडल ले सकूं। माइक्रो बायोलॉजी में पीएचडी करने के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट की जॉब कर रही हूं। मेरी सफलता में मेरे माता-पिता व टीचरों का योगदान है।

डॉ। शुभाश्री पटनायक

कलाम सर ने मेडल दिया तो जिंदगी के हसीन सपने पूरे हो गए। वर्तमान में सीएसआईआर हैदराबाद में कार्यरत हूं। बीएयू से वेटनरी फार्मालाजी एंड एंड टॉक्सीकोलॉजी में पीएचडी किया हूं।

आर हैले गोड़ा

डॉ कलाम इस देश के युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत हैं। वे ड्रीम पर्सनॉलिटी हैं। उनसे मिलने की तमन्ना पूरी हो गई। उनके हाथों मेडल लेना यादगार लम्हा हैं।

डॉ सुरुचि

सर्जरी में पीएचडी करने के बाद आइबीआरआई बरेली में काम कर रही हूं। कलाम सर के हाथों मेडल लेकर काफी अच्छा लगा। मेरे रोल मॉडल मेरे पापा है।

रश्मि कुमारी

एनिमल हसबेंड्री में ग्रेजुएशन के बाद ं नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड गुजरात में काम कर रही हूं। कॉन्वोकेशन में शामिल होने के लिए ही आई। कलाम सर हम सभी के लिए प्रेरणाश्रोत हैं।

आभा कुमारी