- चुनाव की वजह से अधिकारियों की बढ़ी ड्यूटी

- प्रायोरिटी के कामों को पहले निपटा रहे हैं

बरेली --

लोकसभा चुनाव पब्लिक की परेशानियों का कारण बन चुका है. छोटे-छोटे कामों के लिए लोग दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. नगर निगम की बात करें तो अफसरों की चुनाव में व्यस्तता के चलते बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट भी जारी नहीं हो पा रहे हैं. बच्चों के स्कूल में एडमिशन तक नहीं हो पा रहे हैं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी के सिग्नेचर न होने के चलते नगर निगम में बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने के काम पर बे्रक लग गया है और बिना बर्थ सर्टिफिकेट के स्कूल एडमिशन लेने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में पेरेंट्स बर्थ सर्टिफिकेट के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन स्टाफ उन्हें अगले दिन आने की बात कहकर वापस भेज देता है.

ऑफिस में लग चुकी है सर्टिफिकेट की चट्टी

बर्थ सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट की नगर निगम कार्यलय में चट्टी लग चुकी है. करीब 200 बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनकर तैयार हो चुके हैं, लेकिन उन पर सिग्नेचर करने के लिए प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को फुर्सत नहीं मिल पा रही है. विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि पर्यावरण अभियंता इस समय में इतना बिजी हो चुके है कि वो साइन तक नहीं कर पा रहे है. जिसकी वजह से लोग सर्टिफिकेट लेने के लिए हर रोज डिपार्टमेंट में चक्कर काट रहे हैं.

रोजाना करीब 100 आवेदन

नगर निगम में हर दिन करीब 50 से 60 बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आवेदन आते हैं. इसमें ज्यादातर आवेदन ऑनलाइन ही आते हैं. करीब तीन दिनों के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट बना दिया जाता है. यदि अधिकारी उन सर्टिफिकेट पर समय से साइन कर दें तो सर्टिफिकेट मात्र तीन दिनों के अंदर बनकर पब्लिक के हाथ में पहुंच जाएगा. इसके अलावा हर रोज 20-30 डेथ सर्टिफिकेट बनने आते हैं.

फिर मुश्किल होगा एडमिशन

ज्यादातर कॉन्वेंट स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया जनवरी से ही शुरू हो जाती है और मार्च तक एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है. इसके बाद अप्रैल के पहले सप्ताह से क्लासेज शुरू हो जाती हैं. मार्च खत्म होने में दो दिन ही बाकी बचे हैं. बर्थ सर्टिफिकेट जारी न होने के चलते बच्चों के एडमिशन न होने से परेंट्स परेशान हैं. उन्हें डर है कि यदि समय से बर्थ सर्टिफिकेट नहीं मिला तो बच्चे का एडमिशन अच्छे स्कूल में नहीं हो सकेगा.

राजनीति चमकाई जा रही है.

वहीं जब इस बारे में प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी यानि पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान से बात की गई तो उन्होने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है कि सर्टिफिकेट पर साइन नहीं किए जा रहे है. यदि इतने ही जरूरी साइन है तो कर्मचारियों को मेरे घर आकर भी साइन करा लेना चाहिए. इस समय प्रायोरिटी के कामों पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं, जिसकी वजह से लगातार ऑफिस में भी नहीं बैठ पा रहा हूं. वहां पर बैठकर कर्मचारी सिर्फ राजनीति चमका रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे हैं.

वर्जन पब्लिक

मेरे बच्चे का एडमिशन होना है, लेकिन अभी तक बर्थ सर्टिफिकेट ही नहीं बना है. चार दिनों से यहां के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अभी तक कोई रेस्पांस ही नहीं मिला है.

सत्येंद्र सक्सेना

मैं छोटी बिहार से हर रोज यहां पर करीब एक हफ्ते से आ रहा हूं, लेकिन अभी तक मेरे बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बना है. एडमिशन के लिए स्कूल वाले बर्थ सर्टिफिकेट मांग रहे हैं.

धर्मवीर मौर्य

मेरे पौत्र का जन्म प्रमाण पत्र बनना है लेकिन अभी तक बना ही नहीं है. हर बार कह दिया जाता है कि अम्मा दो दिन बाद आना, तीन दिन बाद आना.

ज्ञानवती