टीम सृजन ने तैयार की है कार
बीआईटी मेसरा के अलग-अलग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट्स के स्टूडेंट्स ने मिलकर इसे बनाया है, इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कैमिकल सहित कई विभागों के छात्रों के सृजन गु्रप ने काम किया है, यह ग्रुप ख्007 से बीआईटी मेसरा में मिलकर काम कर रहा है। इस ग्रुप में फ्भ् छात्र हैं, जिन्होंने कार के अलग-अलग पा‌र्ट्स को डिजाइन किया है।

नहीं मिल रहा है ट्रैक
टीम लीडर मृगेंद्र कुमार ने बताया कि हमलोगों ने फार्मूला-क् रेसिंग कार बना ली है। यह कार ढाई सेकेंड में ही क्00 किमी स्पीड तक पहुंच जाती है। हमलोगों कोइसके ट्रायल के लिए खेलगांव के रोड की जरूरत है, जहां ऊबड़-खाबड़ नहीं हो। लेकिन हमलोगों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। इस कारण अपने बीआईटी कैम्पस में ही इसका ट्रायल कर रहे हैं।

पॉकेट मनी से जुटा रहे पैसे
कार बनाने वाली टीम के छात्रों का कहना है पिछले साल भी हमलोगों कॉम्पटीशन में शामिल हुए थे। पूरे देश में क्ख्वीं रैंक हमारी कार को मिली थी। उन्होंने बताया कि हमलोगों के साथ फंडिंग की कमी है, अगर फंड उपलब्ध कराया जाए, तो विंनिंग कार की डिजाइन बना सकते हैं। पिछले साल क्ख् लाख रुपए का बजट था। इस साल क्म् लाख रुपए का बजट तय किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ नौ लाख रुपए ही मिले हैं। अब एक महीने का समय बचा है। हमलोग पॉकेट मनी मिलाकर जो बेहतर हो सके, वो कर रहे हैं।

दिन-रात कड़ी मेहनत
टीएस.आइ क्8 बनानेवाली टीम के कप्तान मृगेंद्र कुमार ने बताया कि सालभर आधी-आधी रात तक जागकर टीम ने इस कार को तैयार किया है। शाम को क्लास खत्म करने के बाद ही सभी कार बनाने में जुट जाते थे। पहले फेज में डिजाइनिंग, दूसरे में मैन्यूफैक्चरिंग और लास्ट में ट्रायल फेज आया। अब कार तैयार हो गई है। ख्9 जनवरी को इसे कोयंबटूर में होनेवाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है।

वजन कम, सेफ्टी का भी ख्याल
टीम के लीडर ने बताया कि हम फॉर्मूला-क् कार बना रहे हैं, लेकिन इस बार उसका वजन ख्80 किलो से ख्8ब् किलो के बीच रखा जाएगा। इसमें बुलेट भ्00 के इंजन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जो कार बनाई है उसको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो स्पीड के साथ सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर हो।