विद्यार्थियों ने नृत्य और गीत की प्रस्तुति से किया मंत्रमुग्ध, सुबह से शाम तक गुलजार रहा कैंपस

रांची : सात सुरों की स्वर लहरी से कैंपस गुलजार था। शाम में रंगीन रोशनी के उजाले में उल्लास चरम पर था। सांस्कृतिक विरासत को समेटे युवा बेताब थे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने को। जीपी बिरला ऑडिटोरियम रह-रह कर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। मौका था बीआइटी मेसरा के बीटोत्सव-2018 के आगाज का। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन व डायरेक्टरेट ऑफ हायर टेक्निकल एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट, झारखंड सरकार अरुण कुमार, विशिष्ट अतिथि विप्रो के वाइस प्रेसिडेंट विश्वास दीप के साथ इंचार्ज वाइस चांसलर एस कुणाल, डीएसडब्ल्यू महेश चंद्रा, फैकल्टी को-ऑर्डिनेटर डॉ। कीर्ति अभिषेक, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ। महेश चंद्रा और कल्चर को-ऑर्डिनेटर मृणाल पाठक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अरुण कुमार ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ जब छात्र व्यक्तित्व कुशल बनते हैं, तो सफलता की राह और आसान हो जाती है। बीआइटी के विद्यार्थी समाज के लोगों को कौशल विकास से जोड़ रहे हैं। उन्हें हुनरमंद बना रहे हैं। राज्य सरकार हमेशा चाहती है कि बीआइटी मेसरा देश-दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बने। सरकार बीआइटी को हमेशा सहयोग करेगी। एस कुणाल ने कहा कि बीटोत्सव हमारी परंपरा है। एक्स्ट्रा एक्टिविटी से कार्य कुशलता में निखार आती है। टेक्नोलॉजी, इंजीनिय¨रग और विज्ञान के अलावा छात्रों को कला-संस्कृति की ओर रुझान होना चाहिए। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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विद्यार्थियों की प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध

बीटोत्सव की पहली संध्या की शुरुआत हेरिटेज नाइट कार्यक्रम से हुई। जिसमें बीआइटी मेसरा के म्यूजिक क्लब ध्वनि के सदस्यों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। साउंड ऑफ द नेशन के साथ शुरुआत हुई। बीआइटी मेसरा के म्यूजिक क्लब ध्वनि के सदस्यों ने देशभर की विभिन्न संस्कृतियों, जैव विविधता और संगीत को एक धागा में पिरोया। सितार, गिटार और ऑर्गन की धुन पर देशभर के लोकगीतों से शाम को खूबसूरत बना दिया। दर्शक गीत-संगीत के बीच लगातार झूमते रहे। बैठे-बैठे देशभर की संस्कृति का दर्शन करते रहे। ट्राइबल एंड क्लासिकल डांस परफॉरमेंस क्लब ने नृत्य के माध्यम से झारखंड की नृत्य कला को जीवंत किया। पारंपरिक परिधान में छात्र-छात्राओं ने झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और सौंदर्य का नृत्य के माध्यम से बोध कराया। तू मोरा सोना धरतीआदि गीतों पर खूब तालियां बजती रही। आकांक्षा व प्रियदर्शनी ने क्लासिकल नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

फ्यूजन नृत्य ने झुमाया

डांस क्लब ने फ्यूजन नृत्य प्रस्तुत कर पूरब और पश्चिम के मेल को बख़ूबी दर्शाया। एहसास ड्रामाटिक सोसाइटी के ड्रामा क्लब ने अवहेलना, उपेक्षा और मानव तिरस्कार पर नाट्य व नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान झारखंड की संस्कृति से आधुनिकता से मिलाप होता रहा। मंच संचालन आदित्य अग्रवाल व शिवम मिश्रा ने किया। सैकड़ों लोग कार्यक्रम का गवाह बने।

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