- कमल पर हुई वोट की बारिश, बाकि के हिस्से में अकाल

- वोट के मामले में भाजपा इस बार तीनों दलों पर रही भारी

Meerut: भाजपा की सुनामी के सामने अन्य दलों को इस बार अपना वोट बैंक भी उड़ता नजर आया। जहां कमल पर इस बार वोट की मूसलाधार बारिश हुई, वहीं अन्य दलों को बूंदाबांदी से ही काम चलाना पड़ा। शुक्रवार को आए चुनाव परिणाम ने राजनीति चिंतकों को भी हैरान कर दिया। इस बार कांग्रेस, बसपा और सपा प्रत्याशियों को जितने टोटल वोट मिले, करीब उतने वोट अकेले भाजपा प्रत्याशी की झोली में गिरे।

टूटा रिकार्ड

क्म् वीं लोकसभा के चुनाव में पिछली बार के रिकार्ड ध्वस्त हो गए। पिछली बार भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल ने ख् लाख फ्ख् हजारक्फ्7 मत प्राप्त कर विजय हासिल की थी। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के मलूक नागर ने क् लाख 8ब् हजार 99क्, सपा के शहिद मंजूर क् लाख 8फ् हजार भ्ख्7, कांग्रेस के राजेंद्र शर्मा ने म्क् हजार 00फ् और निदर्लीय प्रत्याशी शाहिद अखलाक ने फ्ब् हजार 077 मत प्राप्त किए। इस बार राजेंद्र अग्रवाल ने रिकार्ड ध्वस्त किया और भ् लाख फ्ख् हजार 98क् वोट प्राप्त कर रिकार्ड कायम किया।

बना अजब संयोग

पिछली बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल को ख् लाख फ्ख् हजार क्फ्7 वोट मिले थे। लेकिन इस बार वोटर ने जोश दिखाया और मतों की बारिश कर आकड़ा भ् लाख फ्ख् हजार 98क् तक पहुंचा। इस बार राजेंद्र अग्रवाल अपने प्रतिद्वंदी बसपा प्रत्याशी शाहिद अखलाक को ख् लाख फ्ख् हजार फ्ख्म् मतों से हराया। जबकि गौर करें तो पिछले चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल को मिले मत और इस बार चुनाव जितने का अंतर लगभग एक समान है।

कहां गया वोट बैंक

लोकसभा चुनाव से पहले सभी दल अपने वोट बैंक को लेकर आश्वस्त थे और इन्हीं वोटर्स के दम पर अपनी जीत के दावे भी कर रहे थे। लेकिन चुनाव परिणाम ने तमाम दावों की हवा निकाल दी। इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ने के साथ चुनाव का परिणाम भी चौंकाने वाला होने की उम्मीद थी। लेकिन परिणाम ने दिग्गजों को चौंका दिया। बसपा को दलित, सपा और कांग्रेस को मुस्लिम वोटर्स पर भरोसा था। लेकिन कांग्रेस के साथ सपा को भी वोटर्स ने आइना इस बार दिखाया।