दिल्ली की रैली में मोदी ने कहा, "कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान के और पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों को नाश्ते पर बुलाया था. हिंदुस्तान के पत्रकार नवाज़ शरीफ़ की मिठाई खा रहे थे, उसी समय नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री देहाती औरत जैसे हैं."

पत्रकारों पर मोदी ने कहा, "मैं उन पत्रकारों से पूछना चाहता हूँ कि मेरे देश के पत्रकार नवाज़ शरीफ़ की मिठाई खा रहे थे और नवाज़ शरीफ़ मेरे देश के पीएम को भला बुरा कह रहे थे, गाली दे रहे थे. हिंदुस्तान के उन पत्रकारों से मेरी अपेक्षा थी के वे नवाज़ शरीफ़ की मिठाई को ठोकर मारकर चल देते. जो पत्रकार मेरे देश प्रधानमंत्री के खिलाफ़ मज़ाक सुन रहे थे वे भी देश की जनता के प्रति जवाबदेह हैं."

ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन का विरोध

'नवाज़ शरीफ़ की मिठाई को ठोकर मारकर चले जाते भारतीय पत्रकार'मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत की ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने मोदी के बयान का विरोध किया है.

बीईए ने अपने बयान में कहा है कि मोदी का बयान मीडिया की साख को नीचा करने वाला है जो लोकतंत्र का अहम अंग है. बीईए ने कहा कि मोदी ने सभी तथ्यों को जाने बिना बयान दिया है और वो ये नहीं समझते कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में मीडिया की क्या गरिमामय भूमिका होती है.

वहीं नवाज़ शरीफ़ की दावत के दौरान मौज़ूद रहे पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने ट्वीट कर कहा कि, 'नवाज़ शरीफ़ ने नाश्ते के दौरान मनमोहन जी के बारे में एक चुटकुला कहा था जो बहुत लंबा है. उन्होंने मनमोहन सिंह के ख़िलाफ़ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा था. बरखा चली गईं थी और कैमरे के साथ लौटी थीं. वे इस दौरान मौज़ूद ही नहीं थी. ये कोई गंभीर मुद्दा नहीं है.'

भारतीय पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट किया, 'मैंने हामिद मीर को लिखा है और कहा है कि मेरी उपस्थिति में मनमोहन सिंह के बारे में 'देहाती औरत' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया.' एक अन्य ट्वीट में बरखा ने कहा, 'वहां मौजूद पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने भी 'देहाती औरत' शब्द के इस्तेमाल का खंडन किया है.'

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