-बुधवार को सेलाकुई में हुई बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक

-बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी रहे बैठक में मौजूद

DEHRADUN: उत्तराखंड में सियासी घमासान के बीच बीजेपी हाईकमान भी अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। पार्टी हाईकमान अपने सभी विधायकों को लगातार एकजुट रखने जुटी हुए है। वहीं पार्टी कांग्रेसी खेमे के कुछ बगावत वाले विधायकों की संभावनाएं भी तलाश रही है। फ्क् मार्च के संभावित बहुमत साबित होने के मद्देनजर खुद राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय देहरादून में मुस्तैद रहे। जहां उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक बैठकों में भाग लिया। बताया जा रहा है कि पार्टी ने कांग्रेस के पाले में गए विधायक भीमलाल आर्य की वापसी की उम्मीद भी नहीं छोड़ी है।

हर पहलुओं पर हुआ विचार

फ्क् मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के हाईकोर्ट के निर्णय को देखते हुए पहले ही पार्टी ने अपने सभी विधायकों को दून बुला लिया था। इसको देखते हुए अधिकतर विधायक मंगलवार देर रात ही दून पहुंच गए थे। सभी विधायकों के साथ शहर से बाहर सेलाकुई स्थित एक आध्यात्मिक केंद्र में बैठक की। दिनभर अदालत की कार्यवाही पर नजर रही और बैठक का दौर जारी रहा। खास बात यह रही कि इस दौरान न तो मीडिया को आने दिया गया और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश दिया गया। सूत्रों के अनुसार विधायक भीमलाल आर्य को छोड़कर बाकी बीजेपी के सभी विधायकों के साथ प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, सांसद व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी बैठक में मौजूद रहे। बताया जा रहा है बैठक में सभी विधायकों को एकजुट रहने के लिए कहा गया। बैठक में यह भी बात सामने आई कि कांग्रेस के बागी विधायकों पर पूरा भरोसा करना जल्दबाजी होगा। कारण, कांग्रेस की तरफ से किसी दूसरे चेहरे को तवज्जो दी गई तो हो सकता है कि बागी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय कुछ देर बाद वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि फ्क् मार्च के फ्लोर टेस्ट के आदेश को देखते हुए बुधवार को पार्टी विधानमंडल दल की बैठक सेलाकुई में बुलाई गई। फ्लोर टेस्ट होता, तो भाजपा की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित थी। अब डबल बेंच के फैसले के बाद सभी विधायक अपने क्षेत्रों की ओर लौट गए हैं।