-राष्ट्रद्रोह को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के कपड़े पहनाने के हो रहे प्रयास

-सोनिया जवाब दें, क्या वह राहुल से सहमत: शाह

वृंदावन: ब्रज की पावन धरा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। जेएनयू मुद्दे पर उन्होंने राहुल गांधी के बयानों की ¨नदा करते हुए सीधे सोनिया गांधी से प्रश्न दागा कि क्या वह अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष से सहमत हैं। शाह ने भाजयुमो के कार्यकर्ताओं से इस बहस को आगे तक ले जाकर जगह-जगह सार्वजनिक रूप से कांग्रेसियों को इस प्रश्न पर कठघरे में खड़े करने की अपील की।

शाह शनिवार को भाजयुमो के राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जेएनयू का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली के एक वि‌र्श्वविद्यालय में राष्ट्र को तोड़ने वाले नारे लगते हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष वहां जाकर राष्ट्रविरोधी गतिविधि करने वाले लोगों का समर्थन करते हैं। कहते हैं उन्हें बोलने देना चाहिए, उन्हें सुनना चाहिए। मैं इस मंच से कांग्रेस अध्यक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या वह राहुल के बयान से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रद्रोह को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के कपड़े पहनाने कुत्सित प्रयास हो रहा है। जिसका मुंहतोड़ जवाब भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को देशभर में जगह-जगह सार्वजनिक रूप से देना चाहिए। उन्होंने पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस कहती है कि मोदी जी देश में टिकते ही नहीं जबकि आंकड़े बताते हैं कि मनमोहन सिंह ने मोदी जी से अधिक विदेश यात्राएं कीं। फर्क यह है कि मनमोहन सिंह कब जाते थे और कब अंग्रेजी में टाइप किए दो पन्ने पढ़कर लौट आते थे, देश को पता ही नहीं चलता था। मोदी जी जहां जाते हैं वहां इतना स्वागत सत्कार होता है अपनी मातृभाषा में संबोधित करते हैं तब पूरे देश का सीना चौड़ा हो जाता है।

उपलब्धियों का बखान, कार्यकर्ताओं से अपील:

शाह ने मोदी सरकार की स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, मुद्रा योजना आदि का जिक्र करते हुए युवा के विकास की ¨चता करने वाली और जनधन, अटल पेंशन, प्रधानमंत्री किसान बीमा और ग्रामीण सड़क योजना आदि का उल्लेख करते हुए गरीब, किसान और गांव के विकासोन्मुख सरकार बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की वे अपने-अपने राज्य में मोदी सरकार की जन हित योजनाओं का प्रचार करने और अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ लें इसका प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विकास के मार्ग पर चलते हुए भारत को फिर से वि‌र्श्वगुरू बनाने का मोदी सरकार और भाजपा का संकल्प है। उसे पूरा करने के लिए कम से कम पच्चीस वर्ष तक पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार चाहिए। उसके लिए युवा मोर्चा को कमर कस कर रखनी होगी।

हम क्यों अलग

जनसंघ के संस्थापक और वैचारिक दिशा देने वाले पं। दीनदयाल उपाध्याय की जन्मभूमि से शाह ने युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को यह भी समझाया कि हम अन्य राजनीतिक दलों से कैसे भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि 1950 से आज तक के लंबे सफर में देश में न जाने कितने राजनीतिक दल बने और मिट गए। भाजपा लगातार प्रगति करती रही क्योंकि हम वैचारिक संगठन थे। जनसंघ की स्थापना एक ऐसे विचार की प्रतिस्थापना के लिए हुई थी जो देश की मिट्टी से संस्कृति से जुड़ा हो और महापुरुषों को अपना आदर्श मानती है। जनसंघ के जमाने से चाहे गौ हत्या विरोधी आंदोलन, गोवा, हैदराबाद की आजादी का आंदोलन हो या आपातकाल और अयोध्या आंदोलन हो सभी राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े हुए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इसी राष्ट्रवादी विचारधारा के वाहक बन घर-घर और जन-जन तक जाएं।