दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की आवश्यकता है और उनके पास अकाली दल को मिलाकर सिर्फ़ 32 सीटें ही हैं.

हर्षवर्धन ने कहा, "भाजपा का हमेशा ये विश्वास रहा है कि राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता ईमानदारी इन सब चीजों के माध्यम से राजनीति की जानी चाहिए. क्योंकि दिल्ली विधानसभा में हमारा बहुमत नहीं है, इसलिए दिल्ली की जनता के स्पष्ट जनादेश के अभाव में हम सत्ता के बगैर भी सेवा करते रहेंगे. हमारे लिए बेहतर होगा कि हम विपक्ष में रहते हुए दिल्ली की जनता का सेवा करें."

दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं. भाजपा को इनमें से 31 सीटें मिली है, उसकी सहयोगी अकाली दल को एक सीट मिली है. आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली हैं.

बातचीत

दिल्ली में सरकार बनाने से भाजपा का इनकार

आम आदमी पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वो विपक्ष में बैठने को तैयार है. पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल बार-बार कह चुके हैं कि उनकी पार्टी न तो किसी पार्टी को समर्थन देगी और न ही किसी से समर्थन लेगी.

दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के नेता हर्षवर्धन को सरकार गठन पर बातचीत के लिए बुलाया था. हर्षवर्धन के मुताबिक़ दोनों ने सरकार गठन पर विस्तार से चर्चा की.

उन्होंने सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए दिल्ली की जनता का धन्यवाद दिया लेकिन ये भी कहा कि उनका गठबंधन बहुमत से चार सीट पीछे है.

हर्षवर्धन ने कहा, "दिल्ली की जनता ने 15 साल से चल रही सरकार को इस बात की सज़ा दी है कि वो जनता की ईमानदारी से सेवा नहीं पाई और उनकी मुखिया भी चुनाव हार गईं."

उन्होंने कहा कि वे दिल्ली की जनता को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सत्ता के बिना भी उनकी पार्टी जनता की सेवा करती रहेगी.

दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी दोबारा चुनाव के लिए तैयार है. भाजपा ने भी अपने विधायकों से दोबारा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है.

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