आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा काले शीशे वाले फोर व्हीलर पर कार्रवाई के आदेश देने के बाद भी सिटी में आज तक इस तरह की व्हीकल पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में 4 मई से ही ब्लैक शीशे से लैस व्हीकल पर कारवाई करने का आर्डर दिया था.  लेकिन जमशेदपुर में ऐसी गाडिय़ां धड़ल्ले से बेरोक टोक सडक़ पर दौड़ रही है। ट्रैफिक पुलिस के पास शीशे की ट्रांसपेरेंसी मापने की मशीन नहीं होने की वजह से भी कार्रवाई स्टार्ट नहीं हो पा रही है।

अब तक लागू नहीं हुआ रुल
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के 16 दिनों के बाद भी सिटी में फोर व्हीलर में ब्लैक कांच लगा कर चलने वाले लोगों पर डिपार्टमेंट द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही किसी से कोई फाइन वसूला  गया है।

क्या है मामला?
गहरे काले रंग के शीशे से वाहन के भीतर की गतिविधियों का पता नहीं चल पाता, ऐसे वाहनों का उपयोग असामाजिक तत्व भी कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार मई से प्रदेश भर में चार पहिया वाहनों से काली फिल्म हटाने की मुहिम शुरू होनी थी। लेकिन जमशेदपुर में यातायात विभाग अभी मुहिम शुरू करने की स्थिति में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी के वाहनों को छोडक़र मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों आदि के वाहनों के कांच से भी काली फिल्म हटवाई जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने पर कम से कम पांच सौ रुपए का चालान होगा।

काले शीशे की जांच में पेंच
फोर व्हीलर व्हीकल के साइड वाले शीशे में 50 फीसदी और बैक के शीशे में 70 प्रतिशत ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए। किस काले शीशे में कितनी फीसदी पारदर्शिता है इसे तय करने के लिए मशीन का होना जरूरी है। मशीन नहीं होने से काला शीशा लगा कर चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने में कई अड़चने है।


फोर व्हीलर व्हीकल के साइड वाले शीशे में 50 फीसदी और बैक के शीशे में 70 प्रतिशत ट्रांसपेरेंसी होनी चाहिए। किस काले शीशे में कितनी फीसदी पारदर्शिता है इसे तय करने के लिए मशीन का होना जरूरी है। मशीन नहीं होने से काला शीशा लगा कर चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने में कई अड़चने है।

काले शीशे चढ़ाकर चलने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान जल्द शुरू होगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस रणनीति तैयार कर रही है।
जीएन सिंह,
ट्रैफिक डीएसपी